उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के बहुचर्चित मामले रामजन्मभूमि और बाबरी विवाद देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, जिसके तहत शुक्रवार 11 अगस्त को 7 साल बाद मामले की एक बार फिर से सुनवाई(babri case hearing) शुरू हुई थी। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विवाद और रामजन्मभूमि मामले में आपसी बातचीत से हल निकालने पर जोर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख दे दी है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा, दस्तावेजों का ट्रांसलेशन पूरा नहीं(babri case hearing):
- शुक्रवार से 7 साल बाद बाबरी विवाद और रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीमो कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है।
- जिसके तहत शुक्रवार को सुनवाई शुरू होने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा।
- जिसमें उन्होंने कहा कि, अभी दस्तावेजों का ट्रांसलेशन नहीं हो पाया है, इसलिए उन्हें पेश नहीं किया जा सकता है।
- जिसके बाद कोर्ट ने दस्तावेजों के ट्रांसलेशन के लिए 3 महीने का समय दिया है।
- गौरतलब है कि, मामले से जुड़े दस्तावेज संस्कृत, अरबी, उर्दू और फ़ारसी में हैं।
- इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 5 दिसम्बर को रखी है।
- ज्ञात हो कि, मामले की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ कर रही है।
एसोसिएट सॉलिसिटर जनरल ने सुनवाई जल्द करने की मांग की(babri case hearing):
- कपिल सिब्बल से पहले एसोसिएट सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपना पक्ष रखा।
- जिसमें उन्होंने मामले में जल्द सुनवाई पूरी करने की मांग की।
- जिस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से कपिल सिब्बल ने ऑब्जेक्शन लिया।
- साथ ही उन्होंने कहा कि, यह सुनवाई सही प्रोसेस का इस्तेमाल किये बिना हो रही है।
- सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सभी से कहा कि, पहले यह स्पष्ट करें कि, कौन किसकी तरफ से पक्षकार हैं।
- सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील सिब्बल ने जिस पर कहा था कि, इस केस से जुड़े पक्षकारों का निधन हो चुका है।
- साथ ही उन्होंने पक्षकारों के बदलने की भी बात कही।