बदायूं गैंगरेपः 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका से गैंगरेप के बाद हत्या।
50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका से गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई।
प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी वस्तु डालने की कोशिश की।
आंगनबाड़ी सहायिका के शरीर के अन्य हिस्सों में गम्भीर चोटें आई हैं।
इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार लिया है।
दो आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की चार टीमें लगी हुई हैं।
एसएसपी संकल्प शर्मा ने लापरवाही बरतने के आरोप में थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है।
3 जनवरी की शाम 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने गई थी।
इस दौरान मंदिर पर मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल ने गैंगरेप की जघन्य वारदात को अंजाम दिया और 3 जनवरी की रात को ही अपनी गाड़ी से आंगनबाड़ी सहायिका की खून से लथपथ लाश उसके घर फेंक कर फरार हो गए।
थाने के चक्कर कटवाती रही पुलिस
परिजनों ने उघैती थाना पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी,लेकिन पुलिस परिजनों को गुमराह कर थाने के चक्कर कटवाती रही।
पुलिस ने पहले तो आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या की घटना को झूठा बताकर कुएं में गिरने मौत होने की बात कही।
आलाधिकारियों के संज्ञान में आने व मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस ने आंगनबाड़ी सहायिका के घर वालों की तहरीर पर महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल के खिलाफ गैंगरेप के बाद हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया,लेकिन पुलिस ने 4 जनवरी को आंगनबाड़ी सहायिका के शव पोस्टमॉर्टम न कराकर 5 जनवरी को करीब 48 घन्टे बाद कराया।
परिजनों द्वारा लिखित तहरीर व पीएम रिपोर्ट के आधार पर धारा 376डी व 302 भादवि का मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
SPRA के पर्यवेक्षण तथा CO के नेतृत्व में अभि0 की गिरफ्तारी हेतु 04 टीमें गठित कर 02 अभि0गण की गिरफ्तारी कर ली गयी है।
लापरवाही बरतने पर तत्कालीन SHO को निलंबित किया गया।