बागपत : उत्तर प्रदेश सरकार भले ही गोवंशों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। बागपत जिले के बड़ौत बदरखा ग्राम गौशाला में गोवंशों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है। मात्र चार दिनों में छह गोवंशों की मौत हो चुकी है और कई अन्य जीवन-मौत के बीच झूल रहे हैं।
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बड़ौत बदरखा ग्राम गौशाला में नहीं चारा, नहीं पानी
बदरखा ग्राम पंचायत की गौशाला में न तो हरे चारे की व्यवस्था है, न ही पीने के लिए स्वच्छ पानी। तेज़ धूप में कई गायें और बछड़े बेहोशी की हालत में पड़े हैं। कई गोवंश प्यास और भूख से तड़पते हुए दम तोड़ चुके हैं।
बदरखा ग्राम गौशाला में चार केयरटेकर तैनात, पर कोई मौजूद नहीं
ग्राम पंचायत ने बड़ौत बदरखा ग्राम गौशाला की देखरेख के लिए चार केयरटेकर नियुक्त कर रखे हैं, लेकिन मौके पर कोई भी मौजूद नहीं मिला। इससे अधिकारियों की लापरवाही और कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। रिपोर्ट के अनुसार, दो मृत बछड़े खुले में पड़े हैं, जिनका तीन दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं किया गया।
दुर्गंध और संक्रमण का खतरा
मृत पशुओं को खुले में छोड़ने के कारण इलाके में दुर्गंध फैली हुई है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा संक्रमण और बीमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है।
प्रशासन बेखबर, कार्रवाई की बात
जब इस बारे में बड़ौत के एसडीएम मनीष यादव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था। उन्होंने कहा कि वह तत्काल जांच कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार की गोवंश सुरक्षा योजना की ज़मीनी हकीकत बड़ौत बदरखा ग्राम गौशाला में साफ़ झलकती है। लाखों-करोड़ों की योजनाएं कागजों पर तो चमकती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से इन बेजुबानों को दयनीय हालात में अपनी जान गंवानी पड़ रही है। अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है।