पूरे देश में बकरीद का पर्व हर्षोउल्लास से bakrid wishes) मनाया गया। बकरीद की नमाज राजधानी में शनिवार को पूरे अकीदत के साथ ईदगाहों औश्र मस्जिदों में अदा की गई। ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाए जाने वाले इस त्योहार में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़ या दुंबे की कुरबानी दी। यह कुरबानी अल्लाह की राह में बतौर हदिया पेश की गई। बकरीद की नमाज टीले वाली मस्जिद, ऐशबाग ईदगाह और आसिफी मस्जिद में अदा की गई।
तस्वीरें: सभी धर्म गुरुओं ने एक दूसरे के गले मिलकर दी बकरीद की मुबारकबाद
बाढ़ पीड़ितों की मदद की अपील
- गवर्नर रामनाईक ने ऐशबाग ईदगाह से प्रदेशवासियों को बकरीद की मुबारकबाद दी।
- राज्यपाल ने कहा कि आज के मौके के लिए जब लोग मुझे ईदगाह से न्योता देने आए।
- तो मैंने उनसे पूछा कि इस बार क्या विशेष करने जा रहे।
- इसके बाद मुझे बताया गया कि इस वर्ष कई इलाकों में बाढ़ आई है।
- इसी कारण हम (bakrid wishes) लोग बाढ़ पीडि़तों के लिए मदद के हाथ आगे बढ़ा रहे हैं।
- बकरीद के बजट का 10 प्रतिशत बजट बाढ पीडि़तों को दे रहे हैं।
- यह सुनकर मुझे काफी ख़ुशी हुई और इसके लिए यहां के लोगो को बधाई देता हूं।
- गवर्नर राम नाइक ने कहा कि सबके साथ भाईचारा और बराबरी हो, यही मुहम्मद साहब का पैगाम है।
- हमें यह सोचना चाहिए कि जो हम बोलते हैं, क्या वही वास्तव में करते हैं।
- बाढ़ पीडि़तों को मदद करना भी इसमें शामिल है।
- नमाज के बाद मौलाना रशीद फिरंगी महल ने मुस्लिम भाइयों से अपील की कि बकरीद के बजट का 10 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ पीडि़तों को देकर उनकी मदद करें।
टीले वाली मस्जिद में भी अता की गई नमाज
- टीले वाली मस्जिद में मौलाना फज्ले मन्नान वाएजी ने नमाज की इमामत की।
- जबकि आसिफी मस्जिद में मौलाना कल्बे जवाद ने नमाज पढ़ाई।
- ऐशबाग ईदगाह में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अगुआई में जमात हुई।
- शहर की लगभग सभी मस्जिदों के मुतवल्लियों ने नमाज पढ़वाई।
- नमाज के दौरान हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई भाइयों ने एक दूसरे के गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी।
- अदब के शहर में कई धर्मों के धर्मगुरुओं ने एक साथ एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारक बाद दी।
- इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लोगों से बिना खौफ के कुरबानी की अपील की।
- उन्होंने इस बात की ताकीद की है कि जिन जानवरों पर पाबंदी है, उनकी कुरबानी कतई न करें।
- मस्जिद दारुल उलूम फरंगी महल में नमाज के खुतबे में मौलाना ने नमाजियों से कहा कि गली, सड़क या रास्तों में कुरबानी न करें।
- जानवर का खून नाली में बहाने की जगह कच्ची जमीन में दफ्न करें।
- इसके अलावा कुर्बानी करते वक्त फोटो खीचें, न वीडियो बनाएं और न ही सोशल मीडिया पर शेयर करें।
- स्वाइन फ्लू के चलते डॉक्टरों की हिदायत पर अमल करते हुए जुबानी तौर पर एक-दूसरे को मुबारकबाद दें।
- इस मौके पर मनकामेश्वर मंदिर की (bakrid wishes) महंत दिव्या गिरी, समाज सेविका अपर्णा यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।