राजधानी लखनऊ में बाल गंगाधर तिलक (लोकमान्य तिलक) (bal gangadhar tilak) का 161वां जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया। उनके जन्मदिन पर शर भर में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए।
हजरतगंज के लालबाग चौराहे पर स्थित उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल राम नाईक ने माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी सहित कई समाजसेवी मौजूद रहे।
क्रांतिकारी और समाज सुधारक थे लोकमान्य तिलक
- कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक एक समाज सुधारक थे।
- उनका जन्म आज के ही दिन 23 जुलाई 1856 को हुआ था।
- वह जन्म से ही एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे।
- राज्यपाल ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह स्वतंत्रता संग्राम से पहले इतने लोकप्रिय हुए कि ब्रिटिश औपनिवेशिक प्राधिकारी उन्हें ‘भारतीय अशान्ति के पिता’ कहने लगे थे।
- बाल गंगाधर तिलक (लोकमान्य तिलक) को हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है।
कई पुस्तकें भी लिखी
- बाल गंगाधर तिलक का देहावसान 01 अगस्त 1920 में हुआ था।
- मृत्यु से पहले उन्होंने वेद काल का निर्णय, आर्यों का मूल निवास स्थान, श्रीमद्भागवतगीता रहस्य अथवा कर्मयोग शास्त्र, वेदों का काल-निर्णय और वेदांग ज्योतिष, हिन्दुत्व श्यामजीकृष्ण वर्मा को लिखे तिलक के पत्र सहित कई पुस्तकें लिखीं।
- गंगाधर तिलक की सभी पुस्तकें मराठी, अंग्रेजी और हिन्दी में भी प्रकाशित हुईं।
- राज्यपाल ने सभी को (bal gangadhar tilak) लोकमान्य तिलक के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.