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दूबेछपरा रिंग बांध गंगा के पानी के दबाव को नहीं झेल पाया और अंतत: बांध टूट गया. पानी अब गाँव में पहुँचने लगा है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 से सटा ये गाँव गंगा के पानी में डूबने लगा है. बांध को बचाने के लिए कई दिनों तक गाँव वाले लगे रहे. प्रशासन के उचित सहयोग न मिल पाने के बाद अंतत: आज 12:10 के करीब बांध टूट गया.
प्रशासन की लापरवाही आई सामने:
- लगातार ग्रामीण कई दिनों से इस बांध को बचाने का प्रयास कर रहे थे.
- मौके पर जियो बैग होते हुए अधिकारी उसका प्रयोग नही करने दिए.
- सिंचाई विभाग के इंजिनियर कुमार गौरव की लापरवाही क्षेत्र में चर्चा का विषय है.
- तमाम निर्देशों के बावजूद अपनी मनमानी करते रहे.
- कभी मौके से मजदुर गायब रहते तो कभी ठेकेदारों के इशारे पर काम रोका गया.
- गाँव बचाने की पूरी जिम्मेदारी गांववालों के ऊपर थी.
- गाँववालों ने अंतिम वक्त तक उम्मीद नही छोड़ी और बांध बचाने का प्रयास करते रहे.
- गीता प्रेस द्वारा निर्मित ये बांध अब सिचाई विभाग के हवाले है.
- 9 करोड़ रूपये की लागत से मरम्मत कार्य शुरू किया गया था.
- जो कि महज रेत डालकर बांध को ऊँचा करने का काम कर दिया गया था.
- रेत होने के कारण ना उसपर घास उग पायी और ना कटान रोकने में सक्षम थी.
- प्रशासन की नींद तब खुली जब मीडिया ने उस बांध की तस्वीर बयाँ करना शुरू कर दिया.
- लेकिन स्थानीय सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही बांध को बचाने के लिए काफी नहीं थी.
- इस बांध की जर्जर स्थिति के बारे में प्रशासन को अवगत कराया जा चूका है.
- लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के कारण कोई मदद नही मिल पायी.
बांध टूटने का वीडियो अगले पेज पर:
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बांध टूटने के बाद पानी अब पुरे गाँव में फ़ैल चूका है. लोगों में दहशत का माहौल है.
https://youtu.be/DD3UFkoiVX8
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