उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी में कौमी एकता दल के विलय के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के सेकंड्री एजुकेशन मिनिस्टर बलराम यादव को पद से हटा दिया है।
बलराम यादव ने की थी पैरवी:
- सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी कैबिनेट के मिनिस्टर बलराम यादव को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है।
- जिसकी वजह यह बताई जा रही है की बलराम यादव ने ही कौमी एकता दल के विलय की पैरवी की थी।
- गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नहीं चाहते थे की उनकी पार्टी में कौमी एकता दल का विलय हो।
- हालाँकि, पार्टी के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री के जौनपुर जाते ही कौमी एकता दल के विलय की जानकारी दी।
- सूत्रों के अनुसार, सीएम अखिलेश इस फैसले से खुश नहीं हैं, जिसका कारण कौमी एकता दल के विलय से सपा की छवि पर असर पड़ेगा।
- सीएम की नाराजगी की एक वजह यह भी हो सकती है कि, कौमी एकता दल के कारण सपा को लोकसभा चुनावों में 3 सीटों पर हार मिली थी।
- जिसमें मुख़्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और बाहुबली डीपी यादव।
- गौरतलब है कि, माफिया मुख़्तार अंसारी इस वक़्त जेल में हैं।
- सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव में सपा कैंडिडेट्स को जिताने के लिए बलराम यादव ने कौमी एकता दल से सम्पर्क किया था।
- इस बातचीत में क्रॉस वोटिंग के साथ ही सपा में कौमी एकता दल के विलय की बात भी हुई थी।
- जिसके बाद सपा को कौमी एकता दल के दो वोट मिल गए।
- हालाँकि किसी भी विलय की सूचना विधानसभा अध्यक्ष को देनी होती है।
- अभी विलय पर संशय बना हुआ है और यदि आने वाले दिनों में अध्यक्ष को बताया नहीं जाता है, तो विलय माना नहीं जायेगा।
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