उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) की मंगलवार से शुरू हुई परीक्षाओं में दूसरे दिन भी सख्ती देखने को मिली। बुधवार को यूपी के बलरामपुर जिला में छात्राओं के अभिभावकों ने बेटियों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया। आरोप है कि बलरामपुर बालिका इंटर कॉलेज में नकल विहीन परीक्षा के नाम पर छात्राओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। छात्राओं के दुपट्टे और स्टाल उतरवाकर खुले में तलाशी ली जा रही थी। इतना ही नहीं छात्राओं के रुमाल और मोजे तक उतरवाए गए इससे छात्राओं के अभिभावकों में रोष व्याप्त है। वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ये आरोप गलत हैं, प्रशासन के निर्देश पर नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए सख्ती की जा रही है।
गौरतलब है कि विश्व की सबसे बड़े एजुकेशन बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई। इस बार की परीक्षा में कुल 67 लाख से ज्यादा छात्र हिस्सा ले रहे हैं। इस बार परीक्षार्थियों की संख्या पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इस बार 10वीं की परीक्षा में 37,12,508 छात्र जबकि 12वीं की परीक्षा में 30,17,032 छात्र 8549 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा दे रहे हैं। यूपी बोर्ड की परीक्षा नकलविहीन, पारदर्शी और निष्पक्ष रुप से कराये जाने को लेकर बोर्ड के अधिकारी तमाम दावे दे रहे हैं।
बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए यूपी सरकार ने परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं साथ ही संबंधित जिले के अधिकारी और स्कूल के प्रिंसिपल को भी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। बता दें कि हाईस्कूल की परीक्षा जहां 6 फरवरी से शुरू होकर 22 फरवरी तक चलेंगीं। वहीं इण्टर की परीक्षायें 6 फरवरी से 12 मार्च तक चलेंगीं। गौरतलब है कि पिछले साल 10वीं बोर्ड की परीक्षा में कुल 34,01,511 छात्रों ने जबकि 12वीं की परीक्षा में कुल 26,54,492 छात्रों ने हिस्सा लिया था।