बाराबंकी जिले में पुलिस की एक कार्रवाई पर आरोपी के परिवार ने सवाल खड़ा कर उनके ऊपर ही आरोप लगा दिए हैं. कुछ दिन पहले पुलिस ने एक घर में छापामारी कर अवैध शराब के गोदाम का पर्दाफाश किया था. लेकिन उसी कड़ी में जिस घर में पुलिस शराब का कारखाना और गोदाम होने की बात कर रहे थी, वहां रहने वाले परिवार ने इस आरोप को निराधार बताते हुए अपने बचाव में तर्क दिए हैं.
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कानून की आँख पर पट्टी बंधी होती है ताकि इन्साफ करने के लिए अपने और पराये मे कोई अंतर न हो जाये, इसीलिए लोग कहते है कि कानून अँधा होता है. लेकिन कानून के पहरेदार यानि पुलिस की आँख पर कोई पट्टी नहीं होती, ताकि किसी निर्दोष को सजा न मिलने पाए. बावजूद इसके बाराबंकी पुलिस के एक गुडवर्क पर सवालिया निशान लग रहे है. आरोप भी छोटा नहीं बल्कि घर में अवैध शराब की फैक्ट्री के संचालन के मामले का है.
क्या हैं मामला:
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले कि असन्द्रा पुलिस ने 6 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासे में दावा किया कि गाँव रामपुर सुबेहा के रहने वाले रामराज का बेटा रोशन लाल गौतम घर पर शराब का अवैध कारखाना चलाता हैं.
खुलासे में पुलिस का दावा:
इस प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस ने बताया कि रोशन के घर पर छापामारी में शराब का गोदाम मिला. जिसमें असन्द्रा पुलिस के मुताबिक़ लगभग 1100 लीटर स्प्रिट, ब्राउन कलर का 2 लीटर केमिकल, देशी शराब के खाली दो बोरे, 50 पीस खाली गत्ते, ढक्कन सील करने की मशीन, रैपर, उपकरण और दो बंडल ढक्कन सील पैक चिट बरामद किया गया. पुलिस ने शराब की इस अवैध फैक्ट्री का संचालनकर्ता रोशलाल गौतम को बताया।
आरोपी के पिता का पुलिस से सवाल:
वही अब आरोपी रोशनलाल के पिता रामराज ने पुलिस के इस खुलासे पर सवाल उठा दिए हैं. रामराज ने इस मामले में बताया कि उनके घर में सिर्फ दो ही कमरे है तो इतनी बड़ी अवैध शराब की फैक्ट्री इसमें कैसे संचालित हो सकती है.
उन्होंने ये भी बताया कि 5 जुलाई यानी गुरुवार की रात जब असन्द्रा पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा तब उनकी पत्नी रामदेई भी घर में मौजूद थी. रामराज ने इसको लेकर भी पुलिस से सवाल किया कि जब उनकी पत्नी भी वहां मौजूद थी तो उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया गया ना ही हिरासत में लिया गया.
यही नहीं रामराज ने ये भी बताया कि लिस ने छापामार से पहले किसी प्रधान या स्थानीय पुलिस को सूचना तक नहीं दी. बगैर स्थानीय पुलिसको सूचित किये उनके घर में घुसकर कर उनकी पत्नी को जाति सूचक गाली भी दी.
उन्होंने बताया कि पुलिस छापेमारी के दौरान उनके घर पर कोई भी शराब या शराब बनाने का सामान तक बरामद नहीं कर पायी, बावजूद इसके उनके बेटे को आरोपी बना दिया गया. रामराज ने बताया कि उनका बेटा वाहन चलाकर परिवार का पालन पोषण करता है.
वहीं पूरे मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए परिजनों का कहना है कि पुलिस द्वारा किये इस खुलासे की वजह से पूरे परिवार की जिंदगी तबाह हो सकती है जिसको लेकर आरोपी के पिता ने राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एसटी आयोग और पुलिस अधीक्षक बाराबंकी से शिकायत भी की हैं.
इन्होंने भी उठाये सवाल:
वहीं इस प्रकरण में क्षेत्र पंचायत सदस्य दलबहादुर यादव ने भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “पुलिस द्वारा छापेमारी की सूचना पाकर मौके पर मैं भी पहुँचा था. लेकिन पुलिस को यहाँ कुछ बरामद नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि परिवार पूरी तरह से निर्दोष है और इनको न्याय मिलना चाहिए.”
इसके अलावा हुसैनाबाद के ग्राम प्रधान छाया सिंह ने भी पीड़ित परिवार का साथ देते हुए कहा कि “आरोपी रोशन लाल के पिता हमारे गाँव के सम्मानित सदस्य हैं. मेरी जानकारी के मुताबिक इनके घर में कोई भी अवैध काम नही होता.”
एक और क्षेत्र पंचायत सदस्य जितेंद्र प्रताप सिंह ने भी पीड़ित परिवार का साथ देते हुए बताया कि रामराज ग्राम रामपुर जमीन हुसैनाबाद के सभ्य व्यक्ति हैं. इनके घर में कोई भी अवैध काम नही होता है।
जांच की मांग:
असन्द्रा पुलिस द्वारा आरोपी बनाये गए रोशन लाल के पिता रामराज ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, एसटी आयोग और पुलिस अधीक्षक बाराबंकी से इस मामले की जांच कराकर न्याय की गुहार लगाई है.