सरकारी स्कूलों में आए दिन मिड-डे मील को लेकर गड़बड़ियों सामने आती रहती है। इसको लेकर सरकार बार-बार स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई भी करती है। लेकिन इसके बाद भी स्कूलों में मासूमों को जिंदगियों से खिलवाड़ जारी है।
मासूम बच्चों की भूख का सौदा, मजदूरी
- ताजा मामला बांदा जिले का है।
- यहां प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील के नाम पर बच्चों से ही मजदूरी कराई जा रही है।
- मासूम स्कूली बच्चें प्रधानाचार्य और अध्यापकों के आदेश का पालन करने को मजबूर हैं।
- उन्हें अध्यापकों का आदेश मानते हुए स्कूल का बस्ता छोड़ अपने कंधों पर रासन ढोना पड़ रहा है।
- बांदा जिले के बबेरू तहसील क्षेत्र अंतर्गत कुम्हेड़ा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में यह गड़बड़ी सामने आई है।
- यहां स्कूली छात्रों से प्रधानाचार्य और अध्यापक के कहने पर मिड-डे मील का रासन कंधों पर ढोकर लाने के लिए मजबूर है।
- बच्चों को बार-बार रासन लाने के लिए मजबूर किया जाता है।
- इससे स्कूली बच्चों सहित उनके अभिभावक भी परेशान है।
- अभिभावक का कहना है कि हम बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते है,
- लेकिन वहां उनसे मजदूरों जैसा काम कराया जाता है।
वीडियो देखें –
https://youtu.be/O1hNCeJotvk