बुलंदशहर में होने वाले इकलौते और ऐतिहासिक जिला सांस्कृतिक एवं कृषि प्रदर्शनी में एक बहुत ही अजीबो गरीब बात देखने को मिली। कृषि प्रोत्साहन के बजट के नाम पर सांस्कृतिक एवं कृषि प्रदर्शनी में सांस्कृतिक कार्यक्रम की जगह अधिकारियों ने सांस्कृतिक शब्द को ही शर्मशार कर दिया।
https://www.youtube.com/watch?v=11qPrqwl7sU&feature=youtu.be
- सांस्कृतिक एवं कृषि प्रदर्शनी में अधिकारियों ने मुजरे का प्रोग्राम करवाया।
- सांस्कृतिक के नाम चल रहे इस मुजरे के कार्यक्रम से स्थानीय निवासी बहुत ही आहात हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम में फिल्मी गानों पर अधिकारियों ने तवायफों का मुजरा देखा।
- इस मुजरे में अधिकारियों ने दिल खोल कर नोट लुटाये।
- बुलंदशहर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर ऐतिहासिक नुमाइश की जा रही है।
- बुलंदशहर में शाम को सात बजते ही सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम नुमाइश की महफिलें शुरू हो जाती हैं।
- ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की फीस सिर्फ 20 से 50 रूपये ही होती है।
- परन्तु हुश्न के नाम पर आप जितनी चाहे दौलत लुटा सकते हैं।
- बजरंग दल के विभाग संयोजक हेमन्तसिंह के कथनानुसार 135 साल पुरानी बुलंदशहर की ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं कृषि प्रदर्शनी नुमाइश में चल रहे इस शर्मशार कर देने वाले कार्यक्रम से जिला की छवि बहुत ही ख़राब हुयी है।
- शिवसेना के जिलाध्यक्ष सर्वेश राणा ने कहा कि सांस्कृतिक एवं कृषि प्रदर्शनी नुमाइश में उनके इस बर्ष जाने का अनुभव सबसे ख़राब रहा।
- चाहने वाले मंच पर चढ़कर इन डांसरों पर इस कदर नोट लुटाते हैं कि जैसे तवायफों की महफिल लगी हो।
- ऐसे कार्यक्रमों के संचालकों ने हर रोज पहुँचने वाले अय्याश लोंगों के लिए खास तौर पर इंतजाम भी कर रखे हैं।
- ऐसे अय्याश लोंगों को डांसरों के रिहायशी कैम्प्स में भी आप देख सकते हैं।
- डांस मंच पर गिरे हुए नोटों को इकठ्ठा करने के लिए नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है।
- ये सभी गतिविधियाँ जिला प्रशासन और पुलिस की आंख से छुपी नही हैं।
- फिर भी जिला प्रशासन और पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नही, कोई अंकुश नही लगाया गया है।
- मुलायमसिंह यादव यूथ ब्रिगेड के प्रदेश सचिव अंकित शर्मा ने बयान दिया है कि संस्कृति के नाम पर ऐसा काम नहीं होना चाहिए।
- प्रदेश सचिव अंकित शर्मा ने कहा कि मुलायमसिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव से इस मामले की शिकायत की जायेगी।
- प्रदर्शनी के मंत्री सिटी मजिस्ट्रेट डीपी सिंह से जब इस बारे में कुछ भी नहीं कह रहे हैं।
- सिटी मजिस्ट्रेट डीपी सिंह से जब फोन से सम्पर्क किया गया तो उन्होने केवल इतना बताया कि इस कार्यक्रम का समापन 14 अप्रैल को होगा।
- कार्यक्रम में होने वाली अश्लीलता के मुद्दे पर उन्होने कहा कि वह बहुत छोटे अधिकारी हैं।
- इस अश्लील नुमाइश में सरकार की जिला सांस्कृतिक एवं कृषि प्रदर्शनी के नाम पर महीने भर में 50 लाख से ज्यादा रूपये फूँक दिये गये हैं।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें