बाराबंकी : क्या अस्पताल अब सिर्फ गरीब लोंगों की जान लेने के लिए ही रह गया है, यह सवाल इसलिए भी उठता है क्यों की बीती रात एक ऐसी ही घटना सामने आयी है। बाराबंकी के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से 4 साल की बच्ची की मौत हो गयी।

बाराबंकी:-

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अखिलेश यादव के संवेदनहीन अधिकारी

  • बाराबंकी के जैदपुर थाना क्षेत्र के जौहरीउद्दीनपुर निवासी राजू की 4 साल की पुत्री नैना को रात में पेट में बहुत तेज दर्द हुआ था।
  • जिसके बाद उसके बाबा अवधराम अपनी 4 साल की पोती को लेकर सरकारी अस्पताल में दिखाने आये।
  • चूँकि बच्ची एक गरीब परिवार से थी.
  • तो उसे सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने ज्यादा महत्व न देकर उसके दादा को जाँच कराने के लिए भेज दिया।
  • जाँच की रिपोर्ट ले कर जब उस बच्ची का दादा अस्पताल पहुंचा तो उस बच्ची की मौत हो चुकी थी।
  • अपनी पोती की लाश को देख कर अवधराम को बहुत बड़ा सदमा लगा और वो अपनी पोती की लाश के साथ ही लिपट कर लेट गया।
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क्या “अखिलेश” के “सरकारी अस्पताल” सिर्फ “अमीरों” के लिए ही हैं !
  • जिला प्रशासन की तरफ से अस्पताल कर्मचारियों और लापरवाह डॉक्टरों पर कोई करवाई नहीं की गयी है।
  • इस हादसे के बाद एक बड़ा सवाल उठता है की क्या सरकारी अस्पताल सिर्फ आमिर लोंगो की लिए ही बने हैं।

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  • वहाँ पर किसी गरीब व्यक्ति की जान की कोई कीमत नहीं।
  • अपने आप को गरीब लोंगों की सरकार कहने वाली अखिलेश सरकार कहाँ है अब ?
  • उसे इस मासूम बच्ची के जीवन के साथ खिलवाड़ हुआ जिसकी वजह से इस मासूम बच्ची की जान चली गयी.
  • अब कोई हमदर्दी नहीं है क्या?
  • इस तरह के प्रशासन के साथ अखिलेश सरकार दुबारा सत्ता में आना चाहती है?
  • इसका जवाब तो आने वाले समय में अखिलेश सरकार को जनता ही देगी।
  • मगर उस मासूम बच्ची का क्या दोष जिसकी जान अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने ले ली।
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