पत्रकार पर हमले के आरोपी शराफत अली के साथ बाराबंकी पुलिस की शराफत क्यों
- बाराबंकी – जिले के कोठी थाना क्षेत्र में पत्रकार सरवन चौहान पर हुए हमले व लूट के मामले में |
- अभी तक पुलिस आरोपी शराफत अली को गिरफ्तार नहीं कर सकी |
- रात को बाराबंकी से घर वापस आते समय श्रवण चौहान पर हमला किया था |
- ₹25000 लूट लिए थे पत्रकार सरवन ने पुलिस में शिकायत की |
- जिसके बाद पुलिस ने धारा 323 504 506 392 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया था |
- वहीं इस घटना को लेकर पुलिस के खिलाफ भी पत्रकारों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
पत्रकार पर हमले में अब तक पुलिस के हाथ खाली,नहीं हुई कोई गिरफ्तारी
- गुरुवार रात को जिले व क्षेत्र के पत्रकार कोठी थाना पहुंचे, आरोपी शराफत की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया
- अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जाता है |
- तो आगे धरना प्रदर्शन रोड जाम तथा जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री आवास के सामने सामूहिक आत्मदाह किया जा सकता है |
- इस मौके पर वैशाली के संपादक डी के गोस्वामी ने कहा कि यह पत्रकारों पर हमला बेहद गंभीर मामला है |
पत्रकार पर हमला निंदनीय है
- पत्रकार पर हमला निंदनीय है,
- इस मौके पर पत्रकार रणवीर सिंह अबू तल्हा,रामानंद गुप्ता,रामकुमार वर्मा,वीरेंद्र पटेल,विकास पाठक,संदीप तिवारी,गुरु प्रसाद वर्मा,सुखमी लाल,मोहन राम,इकबाल तेजराम,
- सतीश सिंह,विजय कुमार,मोहम्मद जुबेर, राजवंत,शिव कुमार पाठक,एमएलसी प्रतिनिधि बलराम यादव सहित कई पत्रकार गण मौजूद है l
भाजपा मंडल अध्यक्ष ने लगाए पुलिस पर लापरवाही के आरोप
- वही इस पूरे मामले पर भाजपा मंडल अध्यक्ष कौशलेंद्र शुक्ला ने बताया कि स्थानीय पुलिस की मिली भगत से क्षेत्र में खनन वन माफिया सक्रिय है |
- जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है l
- मौजूद पर थानाध्यक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि पत्रकार सरवन चौहान पर हमले के मामले में ₹25000 लेकर आरोपी शराफत को गिरफ्तार न करके बल्कि उसके साथ शराफत दिखाई जा रही है |
झूठा हवा में तीर चलाया जा रहा है
- इस गंभीर प्रकरण को पुलिस तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी करें व थानाध्यक्ष को यहां से हटाए एक तरफ चोरी और दूसरी तरफ सीनाजोरी की इस घटना में पुलिस का संरक्षण बराबर प्राप्त हो रहा है |
- आरोपी को न पकड़ कर,बल्कि इससे पहले उसे जानकारी दे दी जाती है |
- जिससे वह मौके पर नहीं मिलता प्रदेश के कई पत्रकारों पर इस तरह के मामले हो चुके हैं |
- लेकिन पुलिस पत्रकारों के प्रति कोई मानवता नहीं दिखाती सहानुभूति के नाम पर सिर्फ झूठा आश्वासन दिया जाता है |
- इसलिए इस गंभीर मामले को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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