उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार या धन उगाही की शिकायत मिली तो कोई बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी ने कहा था कि इस योजना के तहत प्रदेश में लाखो गरीबों को लाभ मिलेगा। उन्होंने ग्राम प्रधान और अधिकारियों को आगाह करते हुए उन्हें सतर्कता बरतने की सलाह भी दी थी। लेकिन राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिला में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर एक ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली का आरोप लगा है।
हैदरगढ़ तहसील अंतर्गत गुड़पुरवा शरीफाबाद के लाभार्थियों ने प्रधान मंत्री आवास योजना दिलाने के एवज में ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है। गुड़पुरवा के ग्रामीण सन्तोषी पुत्री मड़ई और पार्वती पत्नी प्रकाश एवं राममनोहर ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान शरीफा बाद जगरूप मौर्य ने प्रधानमंत्री आवास दिलाने के एवज हम लोगो से 11 -11 हजार रुपये ले लिए। यही नहीं ग्रामीणों ने ये भी आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने कहा कि ये पैसा ऊपर के अधिकारियो को भेजा जायेगा। आरोप है कि अभी ग्रामीणों की मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है।
अपात्रों को आवासो का आवंटन करने का आरोप
तमाम प्रयासों के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार रुक नहीं पा रहा है। अपात्रों को आवासों का आवंटन और उगाही की शिकायतें आम हैं। जिले की कई पंचायतों में धांधली की शिकायत पर हुई। जांच में इसका खुलासा हो चुका है। आवासों के आवंटन में उगाही और भ्रष्टाचार की शिकायतें शासन तक पहुंच रहीं हैं। जिसके बाद प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किया था कि गांव-गांव मुनादी कराई जाए कि अगर कोई भी पात्र प्रधानमंत्री आवास पाने से वंचित हो।
कोई आवास आवंटन में पैसा मांग रहा हो या पैसा लेकर अपात्रों को लाभांवित कर रहा हो तो उसकी शिकायत सीधे डीएम और सीडीओ से की जाए। इस आदेश का अनुपालन करने का आदेश सभी खंड विकास अधिकारियों को जारी किया गया है। यही नहीं प्रमुख सचिव ने शिकायत के लिए वाल राइटिंग की फोटो ग्राफी के साथ साथ वाल पर टोल फ्री नम्बर को अंकित करने का आदेश दिया।
जब मुखिया ही शोषण को तैयार तो कहाँ से बहेगी विकास की बयार
सरकार ने देश से भ्रष्टचार को समाप्त करने और नौकरशाही पर लगाम कसने के लिए गांवों मे पंचायतीराज को लागू किया है। सारे अधिकार पंचायतो को दे दिए हैं। ताकि गांव का प्रधान या सरपंच गांव में विकास का बयार ला सके और लोगों को ज्यादा से ज्यादा से लाभ मिल सके। लेकिन जब इस योजना को धरातल पर उतारने की बात आती है तो कई बार पंचायत मित्र, ग्राम प्रधान व सरकारी कर्मियों द्वारा लाभार्थियों के शोषण करने का मुद्दा भी सामने आता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
वहीं जब इस मामले को लेकर डीपीआरओ बाराबंकी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा प्रधान पर लगाये गए आरोपो की जांच करायी जायेगी। यदि आरोप सही पाये गए तो उचित धाराओं में मामला दर्ज करवा कार्रवाई की जायेगी।
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