उत्तर प्रदेश की राजधानी से सटे बाराबंकी जिले में बैंको की सुरक्षा राम भरोसे है। एक के बाद एक सरेआम लूटपाट की घटनाओं के बाद भी बैंकों में सुरक्षा को लेकर सतर्कता नहीं बरती जा रही है। एक-दो बैंकों को छोड़ दें, तो अधिकांश में सुरक्षा सम्बन्धी मामलों में बैंक प्रबंधन लापरवाही दिख रहा है। जिले में शासकीय और अर्धशासकीय कई बैंक संचालित हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है जिसके चलते असुरक्षित माहौल में ही करोड़ों रुपए का लेन-देन चल रहा है।
भय के साये में बैंककर्मी और ग्राहक
इस स्थिति में बैंक के कर्मी भय के साए में काम करने को विवश हैं। वहीं ग्राहक भी आनन-फानन में बैंक पहुंच कर काम कराते हैं और सब ठीक रह जाने पर शुक्र मनाते वापस लौट जाते हैं। जब हमारे संवाददाता राम मिश्रा ने दिलीप तिवारी के साथ ने शहर के कुछ बैंकों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया, अधिकांश बैंकों सुरक्षा के इंतजाम हवा-हवाई मिले।
पड़ताल में फेल हुई ये बैंक
हमारी पड़ताल में दिखा कि तहसील हैदरगढ़ के सुबेहा स्थित ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावत की शाखा मे लगभग रात सात बजे तक अन्दर लोगों का आना जाना लगा था। जबकि इस समय बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ था और आसपास की सभी दुकानों पर ताले लटक गए थे। जानकारी करने पर लोगों ने बताया कि यहां दिन मे तो दो होमगार्ड डूयूटी करते हैं देर शाम इस बैंक में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं दिखाई देते ऐसे में कोई भी अपराधी अपने काम को आसानी से अंजाम दे सकता है।
सुरक्षा सम्बन्धी सवाल पूछने पर भड़क उठे शाखा प्रबंधक
जब इस सम्बंध में जब ग्रामीण बैंक आफ आर्यावत सुबेहा शाखा प्रबंधक अमित अवस्थी से बात की गई तो रौब झाड़ते हुए बोले कि पत्रकारों को बैंक परिसर की अंदर आने की कोई भी परमिशन नहीं है। देर शाम तक बैंक खुले होने के सवाल पूछने पर उन्होंने बताया कि हमारे ऊपर इतना काम को लेकर अधिक भार के चलते देर शाम तक बैंक खोलना पड़ता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कमीशन बाजी का खेल
इस मामले में कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बैंक में दलाल और कमीशनखोरों की गहरी पैठ है। इनका दिनभर का कमीशन देर शाम ही को तय होता है। मामला चाहे जो हो लेकिन हैरत की बात है कि जहां पर प्रतिदिन लाखों रुपयों का लेनदेन होता हो, वहां पर सुरक्षा के कोई इंतजाम ही नहीं है।
यह हैं हर बैंक के लिए नियम
जानकारी के अनुसार, बैंकों में सुरक्षा की दृष्टि से हथियारबंद गार्ड, फायर अलार्म, सायरन सिस्टम, हाट लाइन, सीसीटीवी कैमरा समेत स्केनर भी होने चाहिए। लेकिन किसी भी बैंक में अब तक स्केनर की सुविधा नहीं है। जिसके चलते आसामाजिक तत्वों भी बिना किसी रोकटोक के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से बैंक में सीसीटीवी कैमरे के साथ ही मेन गेट के बाहर हथियार से लैस सुरक्षा गार्ड तैनात किया जाना चाहिए। हितग्राहियों को पर्याप्त सुविधा मिलनी चाहिये। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।