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भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पूजन-हवन के साथ मनाया गया बसंत पंचमी पर्व

Basant Panchami Festival celebrated with worship and havan BJP

Basant Panchami Festival celebrated with worship and havan BJP

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर बंसत पंचमी पर बसंतोत्सव मानते हुए मां शारदा का पूजन हुआ, हवन की आहूतियों से जनकल्याण की कामना और तिमिर के प्रतिकार का संकल्प लिया।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर सरसों और गेदा के फूलों से मां सरस्वती का श्रृंगार किया गया, मां वीणावादिनी से कलुष-भेद-तम हरकर जग को ज्योतिर्मय करने की मंगल कामना की गई। हवन की हर आहुति जन-गण-मन के दुःख हरने की प्रार्थना बनकर गगन में गूंजी। सभी ने एक दूसरें को बसंतोत्सव की बधाई दी। गेहूं की बालियां और सरसों के पुष्प अर्पित कर लहलहाती फसल का आशीष मांगा। इसके साथ ही हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के कालजयी महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला को जयंती पर नमन किया।

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इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ0 राकेश त्रिवेदी, जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर, अशोक कटारिया, प्रदेश मंत्री गोबिन्द नारायण शुक्ल, अमरपाल मौर्य, मोर्चा प्रभारी अशोक तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल, प्रदेश मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, प्रदेश सहमुख्यालय प्रभारी चैधरी लक्ष्मण सिंह, अतुल अवस्थी, कमल ज्योति सम्पादक अरूण कांत त्रिपाठी, प्रबन्ध सम्पादक राजकुमार, प्रदेश सहमीडिया प्रभारी हिमांशु दुबे, आलोक अवस्थी, पूर्व विधान परिषद सदस्य जय प्रकाश चतुर्वेदी, नीलम तिवारी, सीमा स्वर्णकार आदि उपस्थित रहे।

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यहां ये भी बता दें कि आज वंसत पंचमी के इस त्योहार पर प्रदेश के विभिन्न कॉलेज में रंगीन रंगोली बनाकर उत्सव मनाया। राजधानी स्थित केजीएमयू में मेडिकल के छात्रों ने बड़े धूम-धाम से मनाया ।

मान्यता है कि वंसत पचंमी से ठंड कम हो जाती है और दिन तेजी से बड़े होने लगते हैं।

वहीं मंदिरों में भगवान की मूर्ति का वसंती कपड़ों और फूलों से श्रृंगार किया जाता है।

धूम-धाम के साथ यह महोत्सव सेलिब्रेट किया जाता है। ब्रज में भी वसंत के दिन से होली का उत्सव शुरू हो जाता है।

देवी सरस्वती को ज्ञान, कला, बुद्धि, गायन-वादन की अधिष्ठात्री माना जाता है।

इसलिए इस दिन विद्यार्थी, लेखक और कलाकार देवी सरस्वती की उपासना करते हैं।

विद्यार्थी अपनी किताबें, लेखक अपनी कलम और कलाकार अपने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट , बाकी चीजें मां सरस्वती के सामने रखकर पूजा करते हैं।

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