चलती गाड़ी के साथ चार्ज होती रहेगी बैटरी, 12 वीं के छात्र ने किया अविष्कार
यूँ तो दुनिया में कई नए अविष्कार होते रहते है पर क्या आप जानते है उनमे से कुछ अविष्कार तो सबको आश्चर्यचकित कर देते है जिसे सुन लोगो के होश तक उड़ जाते है जो अकल्पनीय हो यानि जिसका कभी कल्पना भी न की हो उसका अविष्कार हो जाना सभी को हैरान क्र देता है एसा ही एक अविष्कार 12वीं के एक छात्र ने किये जिसे सुन आप सभी हैरान हो जायेंगे। दुनिया भर में अभी बैटरी चालित गाड़ियों को बिजली से करना पड़ता है चार्ज। तय दूरी तक गाड़ी इस बैटरी से चल पाती है, इसके बाद फिर बैटरी चार्ज करने के बाद ही चलती है।
- बारहवीं के छात्र हार्दिक श्रीवास्तव ने बैटरी कार का ऐसा तैयार किया है मॉडल।
- जिससे बैटरी को अलग से चार्जिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- गाड़ी चलने के साथ बैटरी चार्ज होती रहेगी।
- यह मॉडल एमएमएमयूटी के शिक्षक लेफ्टनेंट केबी सहाय के निर्देशन में दो साल में हुआ है तैयार।
- शिक्षक व छात्र का दावा है कि जब तक बैटरी खराब नहीं होती।
- तब तक इसे अलग से चार्ज करने की नहीं पड़ेगी जरूरत।
हार्दिक ने बैटरी से चलने वाली कार के इंजन का मॉडल किया तैयार
गुरुवार को केबी सहाय के निर्देशन में हार्दिक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में विभागाध्यक्ष प्रो. एसके श्रीवास्तव के सामने मॉडल का प्रदर्शन किया। हार्दिक ने बैटरी से चलने वाली कार के इंजन का मॉडल तैयार किया है। इसमें उसने ऐसी सर्किट तैयार की है, जिससे गाड़ी चलने पर बैटरी चार्ज होती रहेगी।छात्र के मॉडल को विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीवास्तव ने सराहा और कहा कि वह एमएमएमयूटी में स्थापित डिजाइन, इनोवेशन एंड इन्क्यूवेशन सेंटर से मदद लेकर गाड़ी का निर्माण करे।
- हार्दिक ने बताया कि जिस तरह से ट्रांसफार्मर में बिजली सप्लाई देने के साथ काफी हिडेन इनर्जी बची रह जाती है
- उसी तरह बैटरी में काफी हिडेन इनर्जी बच जाती है।
- इस सर्किट में हिडेन इनर्जी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया है।
- इस तरह से हिडेन इनर्जी से बैटरी गाड़ी चलने के साथ चार्ज होती रहेगी और इसे अलग से चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- सर्किट के बारे में खुलासा करने से शिक्षक व छात्र ने यह कहते हुए इनकार कर दिया
- इसका पेटेंट कराने के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा।
- गाड़ी चलाने के बाद ही अनुसंधान सफल माना जाएगा।
एमएमएमयूटी के 18 छात्रों की टीम हार्दिक के मॉडल पर करेंगे कार का निर्माण
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक ले. केबी सहाय के नेतृत्व में एमएमएमयूटी के 18 छात्रों की टीम हार्दिक के मॉडल पर कार का निर्माण करेंगे। इस टीम में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के उदय प्रताप सिंह, प्रकीर्ण शुक्ला, मो. अनस, विवेकानंद चौबे, राहुल शर्मा, विकास मोहन लाल गौड़, गौरव उपाध्याय, उत्कर्ष श्रीवास्तव, शिवम सिंह, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के आयुष्मान त्रिपाठी, सृजन भारती, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनयिरंग के उमर, राहुल पोद्दार व केमिकल इंजीनियरिंग के सुबोध राय, निशांत सिरभाई तथा प्रकाश गौतम को शामिल किया गया है।
- केबी सहाय हार्दिक की खोज से उत्साहित हैं।
- उन्होंने बताया कि कैंपस की लैब में सभी छात्र हार्दिक का सहयोग लेकर कार बनाएंगे।
- सहाय ने बताया कि विद्यार्थी छह महीने में यह प्रोजेक्ट पूरा करेंगे।
सफल रहा अगर अविष्कार तो चौक जाएगी दुनिया
वैज्ञानिकों ने बैटरी कार में ब्रेक लगाने पर हीट के रूप में नुकसान हुई इनर्जी व एक्सीलरेटर कम या तेज करने में नुकसान होने वाली इनर्जी को बैटरी में फिर से स्टोर कर पाने में तो सफलता पा ली है मगर गाड़ी चलाने से बैटरी चार्ज करने में अभी सफलता नहीं पाई है।
- लैब में ऐसे प्रयोग तो हजारों की संख्या में हुए है
- मगर अभी तक कोई भी बैटरी कार ऐसी नहीं जमीन पर नहीं उतर पाई है, जो गाड़ी चलाने से चार्ज हो जाती है।
- लैब में प्रयोग सफल हो जाता है मगर गाड़ी में सफल नहीं हो पाता।
- एमएमएमयूटी में प्रोजेक्ट सफल रहा तो वाकई यह पूरी दुनिया को चौंकाने वाला होगा।
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