बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) की रजिस्ट्रार सुनीता चंद्रा को अब बीबीएयू के रजिस्ट्रार पद पर बने रहने के लिए बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार पद से इस्तीफा देना होगा या उन्हें दो साल की छुट्टी अप्रूव करानी होगी। बीबीएयू में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक हुई। इस बैठक में लंबे अर्से से चल रहे बीबीएयू के रजिस्ट्रार पद के विवाद पर यह अंतिम निर्णय लिया गया। इसके अलावा डॉ डीआर मोदी के लंबित प्रमोशन पर भी बीओएम ने मोहर लगा दी। 2015 से इनका प्रमोशन लंबित था इसके लिए डॉ मोदी ने कोर्ट में रिट दायर की थी। ये दोनो ही मामले कोर्ट के आदेश पर बीओएम में रखे गए थे।कोर्ट के आदेश को भी बीओएम के सदस्यों ने स्वीकारा।
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पहले से कर रही हैं नौकरी
- बीबीएयू की रजिस्ट्रार सुनीता चंद्र की साल 2014 में बीबीएयू के रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति हुई थी।
- इससे पहले वह बीएचयू में डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर कार्यरत थीं।
- बीबीएयू के एक्ट में रजिस्ट्रार की नियुक्ति टेन्योर के आधार पर होना वर्णित है।
- ऐसे में नियम है कि इस पर जो भी आएगा वो कहीं और नौकरी न करता हो।
- जबकि सुनीता चंद्रा बीएचयू में रहते हुए वहां से डेप्युटेशन (प्रति नियुक्ति) पर रजिस्ट्रार के पद पर आईं थीं।
- इस पर लंबे अर्से से विवाद चल रहा था। विवि के प्रो कमल जायसवाल की ओर से इस पर कोर्ट में केस भी किया गया था।
- जिस पर कोर्ट ने बीओएम में निर्णय लेने की बात कही थी।
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एक्ट के अनुसार होगी नियुक्ति
- कोर्ट के आदेश के क्रम में शनिवार को बीओएम ने एक्ट के अनुसार ही नियुक्ति की सिफारिश की।
- सुनीता चंद्रा को अब सोमवार को नोटिस दिया जाएगा।
- जिसमें उन्हें जवाब देना होगा कि वह बीएचयू से स्तीफा देंगी या बीएचयू उन्हें इतनी लंबी छुट्टी दे सकता है।
- इन दोनो शर्तों में से एक को पूरा करने के बाद भी उन्हें उनके बचे हुए टर्म यानी डेढ़ साल के लिए रजिस्ट्रार पद पर रहने की अनुमती मिलेगी।
- अगर वह बीएचयू से छुट्टी न मिली तो उन्हें बीबीएयू रजिस्ट्रार व बीएचयू के पद दोनो में से एक को चुनना होगा।
- बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की ओर से रजिस्ट्रार सुनीता चंद्रा को एडवाइजरी भी जारी की गई है।
- इसमे सबसे पहले बीओएमने रजिस्ट्रार को अनुशासन में रहने के लिए कहा है।
- इसके अलावा कुलपति की अनुमति के बिना कहीं भी विवि की ओर से प्रस्तुति नहीं देंगी।
- इसके अलावा कुलपति के सभी आदेशों का पालन करेंगी।
- रजिस्ट्रार पर इन सभी के उल्लंघन की शिकायतें आईं थी जिस पर बीओएम ने यह एडवाइजरी उन्हें दी।
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