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राजधानी के आउटर रिंगरोडों पर यातायात पुलिस और होमगार्डों की वसूली थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को यातायात पुलिस का कारनामा uttarpradesh.org ने जब तस्वीरों सहित प्रकाशित किया। आईजी ने दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन एएसपी ट्रैफिक हबीबुल हसन को जांच मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई नतीजन चिनहट क्षेत्र में पुलिस की वसूली ने एक बी कॉम छात्र की जिंदगी छीन ली। वहीं घटना में छः अन्य लोग घायल हो गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि घायलों को इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है जहां दो की हालत नाजुक बनी हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पुलिस ने वसूली के लिए ट्रक रुकवाया इतने में कार ट्रक में जा घुसी। हलाकि बीते दिनों रिंग रोड और सीतापुर रोड पर ट्रैफिक वसूली की खबर मीडिया में आने के बाद 4 ट्रैफिक होमगार्डों गाज गिरी पर गिरी। अधिकारियों ने इन्हें ड्यूटी से हटाकर सप्ताह भर के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। बड़ी बात यह है कि वसूली का सरगना होमगार्ड पर आलाधिकारी अब भी मेहरबान हैं। जिनके दम पर वसूली होती है आखिर उस पर अधिकारी मेहरबानी क्यों कर रहे हैं।
अगले पेज पर पढिये ट्रैफिक पुलिस का काला कारनामा:
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यह है पूरा मामला
- जानकारी के मुताबिक, गोमतीनगर के विनायखंड 3/5 निवासी कालीचरण मूलरूप से मसौदा आजमगढ़ के रहने वाले हैं।
- लगभग एक सप्ताह पहले वह अपने मूल निवास आजमगढ़ अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने अपनी पत्नी रेखा, बेटे नितीश और बेटी स्नेहा और मोनू के साथ गए थे।
- शादी समारोह निपटाकर पूरा परिवार आजमगढ़ से गुरुवार को लखनऊ वापस आ रहा था।
- आते वक्त चिनहट क्षेत्र में शारदा नहर बीबीडी इंस्टिट्यूट के पास खड़ी डीसीएम में कालीचरण की इंडिका कार पीछे से घुस गई।
- कार की रफ्तार तेज होने के चलते उसके परखच्चे उड़ गए।
- घटना की जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में लोहिया अस्पताल पहुंचाया।
- लोहिया पहुंचने पर डॉक्टर्स ने कालीचरण के 21 वर्षीय पुत्र नितेश को मृत घोषित कर दिया।
- वहीं अन्य घायलों को ट्रामा भेज दिया गया।
- चिनहट थाना प्रभारी प्रदीप ने बताया कि मृतक बी कॉम का छात्र था और साथ ही कम्पटीशन की तैयारी कर रहा था।
- घायलों में कालीचरण और उनकी पत्नी रेखा की हालत नाजुक बनी हुई है।
- वहीँ इस हादसे में कालीचरण और रेखा समेत उनकी बेटियां स्नेहा (13) और मोनू (10) समेत उनके दो भतीजे आदित्य और युगराज भी चोटिल हो गए।
- डीसीएम चालक मौके से फरार हो गया था लेकिन डीसीएम चालक फरार हो गया।
ट्रैफिक पुलिस की वसूली की वजह से हुआ हादसा
- घटनास्थल के पास के स्थानीय लोगों ने बताया कि इस जगह पर अक्सर ट्रैफिक पुलिस के सिपाहियों और होमगार्डो द्वारा वसूली की जाती है।
- नो एंट्री की टाइमिंग 9 बजे की है जबकि सुबह से ही कामर्शियल वाहनों को ट्रैफिक पुलिस रोकना शुरू कर देती है और जमकर धन उगाही करती है।
- गुरुवार सुबह 8:30 बजे भी ट्रैफिक पुलिस द्वारा शारदा नहर पर डीसीएम को रोका गया था और ट्रैफिक सिपाही वसूली में लिप्त थे तभी पीछे से आई कर डीसीएम में घुस गई और बड़ा हादसा हो गया।
वसूली के दौरान ऐसे छिपाते हैं पहचान
- ट्रैफिक पुलिस के इन वसूलीखोर सिपाहियों और होमगार्डों ने अपनी पहचान छिपाने के नायाब तरीके अपनाए रखे हैं।
- कोई इनका चेहरा न देख पाए इसलिए यह ट्रैफिक पुलिस के सिपाही सर पर हेलमेट लगाकर गाड़ी दौड़ा-दौड़ाकर वसूली करते हैं।
- वहीं कोई व्यक्ति इनकी पहचान न जान पाए इसलिए ये पुलिसकर्मी नेम प्लेट भी नहीं लगाते हैं।
- सूत्रों की माने तो रिंग रोड और सीतापुर रोड पर वसूली के लिए इनके साहबों ने कुछ वसूली एक्सपर्ट तैयार किये हैं।
- इन वसूली एक्सपर्ट का नाम छापना तो उचित नहीं होगा।
- लेकिन यह तथ्य है कि इन एक्सपर्ट्स को सुबह से शाम तक कभी गाड़ी पर चढ़ते तो कभी गाड़ियों को दौड़ाकर वसूली करते देखा जा सकता है।
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