अमेठी जनपद के मुसाफिरखाना तहसील के शुकुलबाज़ार के पाली गांव में एक प्राइमरी पाठशाला के प्रशिक्षु द्वारा दूसरी कक्षा के एक मूक-बधिर छात्र के साथ बेरहमी से पिटाई का मामला था। जिसको लेकर स्कूल प्रशासन द्वारा मामला दर्ज नहीं कराने और समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है।
क्या है मामला-
घटना मंगलवार दोपहर की है जब कक्षा दो के एक मूक बधिर छात्र द्वारा थोड़ी सी अनुशासनहीनता करना प्राइमरी पाठशाला में तैनात प्रशिक्षु ऋतुराज को नागवार गुजरी। परिजनों का आरोप है कि वह नाराज होकर छात्र की डंडे से पिटाई करने लगा। पिटाई भी इतनी बेरहमी से की गई कि पीटते-पीटते मूक वधिर मासूम छात्र की हालत गम्भीर हो गयी, तब जाकर शिक्षक ने छात्र को पीटना बंद किया। छुट्टी के बाद छात्र जब घर पहुंचा तो परिजनों को इस मामले की जानकारी हुई। तो उन्होंने बच्चे को पूछा बच्चे ने कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर दिया, क्योंकि बच्चा पूरी तरह से डरा और घबराया हुआ था। बच्चे के पिता रमेश कुमार द्वारा एक निजी अस्पताल में ले जाकर मासूम छात्र का इलाज कराया गया।
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पीट पीट कर उधेड़ दी चमड़ी-
जब परिजनों ने बच्चे के कपड़े उतार कर देखे उनके होश उड़ गए उसके शरीर की प्रशिक्षु ने पूरी चमड़ी पीट-पीटकर उधेड़ दी। छात्र के साथ पढ़ने वाले सहपाठियों से जब परिजनों ने जानकारी कि तो पता चला कि बैग फेकने को लेकर स्कूल में प्रशिक्षु ऋतुराज ने बेहया(एक जंगली पौधे) के डंडे से जमकर पिटाई की है। बच्चे के पिता रमेश कुमार द्वारा एक निजी अस्पताल में ले जाकर मासूम छात्र का इलाज कराया गया।
‘मत लगाये कार्यवाही का कयास-हो रहा है समझौते का प्रयास’
वहीं दूसरी ओर अब छात्र के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन से इस बात की शिकायत की गई तो उन्होंने मामले को दबाने के लिए दबाव बनाया और समझौता करने की बात कही। अभी भी स्कूल प्रशासन द्वारा मामला दर्ज नहीं कराने और समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक छात्र के परिजन तहरीर के साथ शुकुल बाजार थाने में मामला दर्ज होने का इंतजार कर रहे है ।