पिछली 23 जनवरी से एससीईआरटी लखनऊ में बीएड टीईटी 2011 पास अभ्यार्थियों द्वारा अनिश्चितकालीन अनशन 7वें दिन भी अनवरत जारी रहा। सोमवार को वर्ष 2011 के बीएड टीईटी अभ्यर्थियों ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में प्रदेश भर के प्रदर्शनकारी चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने इकट्ठे हुए। अभ्यर्थी चारबाग से तिरंगा यात्रा निकालते हुए हज़रतगंज स्तिथ गांधी प्रतिमा पर पहुंचे। यहां उन्होंने नियुक्तियों की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने अपना सिर मुड़वाकर तो कुछ ने अर्थी पर लेटकर भी अपना विरोध दर्ज करवाया। प्रदर्शन में महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं पूरी होती हैं तो अगली बार वे अपना मुंडन करवाकर विरोध करेंगी।
अभ्यार्थियों की मांग है कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित अंतिम आदेशा में वर्णित पैरा 17 जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जितने भी अंतरित आदेश क्रमश: 07 दिसम्बर 2015, 24 फरवरी 2016, 24 अगस्त 2016 एवं 17 नवम्बर 2016 पारित हुए हैं उनका अक्षरश: पालन होना चाहिए। अभ्यार्थियों का कहना है कि वर्तमान सरकार माननीय न्यायालय के आदेश को नजर अंदाज करके नयी भर्ती निकालकर बीएड टीईटी 2011 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के साथ दुर्भावनापूर्ण कार्य कर रही है। अभ्यार्थियों ने कहा कि हम बीएड टीईटी 2011 उत्तीर्ण सात वर्षों से सरकार और न्यायालय के बीच में पिसकर रह गये हैं। वहीं अभ्यार्थियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि पूरे मामले को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए शीघ्रातिशीघ्र हमारी नियुक्ति सुनिश्चित करें, जिससे हम बेरोजगार अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
पौने तीन लाख पद हैं खाली
बीएड टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि आरटीई एक्ट 2009 के तहत उत्तर प्रदेश में पौने तीन लाख पद खाली हैं। बीएड टेट 2011 के आवेदक सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं। योग्यता की अनदेखी करके पूर्व सरकार ने इंटर पास शिक्षामित्रों को अध्यापक बना दिया और योग्य अभ्यर्थी अभी तक रोड पर हैं। अब हमारी सिर्फ और सिर्फ एक ही मांग है कि समस्त टेट 2011 पास बीएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति देकर उत्तर प्रदेश सरकार योग्यता का सम्मान करे।
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