उत्तर प्रदेश के बागपत के काठा गांव में गुरूवार 14 सितम्बर को नाव पर ओवरलोडिंग के चलते यमुना नदी में एक नाव पलटन गई थी. इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी.लेकिन आप को बता दें कि नाव पर ओवरलोडिंग की समस्या सिर्फ बागपत की नही बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों की है. जहाँ चंद पैसों की लालच में नाव चलने वाले नाव पर ओवरलोडिंग कर रहे हैं.
- नाव पर ओवरलोडिंग का कुछ ऐसा ही नज़ारा आप को भदोही में भी देखने को मिलेगा.
- जहाँ गंगा पार करने के लिए लोग पुरानी नावों पर रोजाना मौत का सफ़र करते हैं.
- ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
- मगर इसके बाद भी कुछ पैसों के लिए नाविक पुरानी नावों पर 40 लोगों को बैठा लेते हैं.
- यही नही 40 लोगों के साथ इन नावों पर भारी सामान, बाइक और साइकिलें भी सवार रहती हैं.
कोई पुल न होने के चलते लोग करने को मजबूर है ये मौत का सफ़र-
- दरअसल रोजाना बड़ी संख्या में लोग भदोही के रामपुर घाट से मिर्जापुर जिले जाते हैं.
- रामपुर घाट से मिर्ज़ापुर जाने के लिए कोई स्थाई पुल नही है.
- जिसके चलते लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता है.
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- मगर पुरानी हो चुकी इन नावों पर नाव चलने वाले चंद पैसों के लिए ओवरलोडिंग कर लेते हैं.
- बता दें कि यहाँ 15 लोगों के सवार होने वाली नाव पर 40 से 45 लोगों की बैठाया जाता है.
- यही नही इस दौरान अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो उसे रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम भी नहीं हैं.
पुल का निर्माण की मांग-
- हालांकि गंगा पर यहाँ अस्थाई पीपा पुल भी बनाया जाता है.
- मगर तेज़ बारिश या गंगा का जलस्तर बढ़ने पर वो पुल बहाव के साथ ही बह जाता है.
- जिसके बाद लोगों को वापस नाव का सहारा लेना पड़ता है.
- हालांकि स्थानीय लोग नदी पर रामपुर घाट से मिर्जापुर के लिए पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं.
- लोगों का कहना है इससे आसपास के सैकड़ों गावों के लाभ मिलेगा.
- साथ ही लोगों को रोजाना के इस मौत के सफ़र से भी मुक्ति मिलेगी.
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....