भदोही: चुनाव के दिनों में जनता के बीच वादे कसमों के दौर शुरू हो जाते हैं, हर एक व्यक्ति नेता जी को जिताने में ऐड़ी चोटी एक कर देते हैं, लेकिन चुनाव के बाद ना नेता जी दिखाई देते हैं, ना ही उनका वादा दरअसल ऐसा ही कुछ भदोही में हुआ है1994 में वाराणसी से भदोही को अलग किया गया उसके बाद से लेके हर चुनाव में वादा किया गया कि रामपुर, ड़ेंगूपुर गंगा घाट पर पक्के पुल का निर्माण कराया जाएगा फिलहाल स्थिति ऐसी है कि आज तक पक्के पुल का शिलान्यास तक नही हो सका, ऐसे में भदोही की जनता धरने पर उतारू हो गयी है, दोनों ही गंगा घाटों पर धरना प्रदर्शन का दौर जारी हैं,
आपको बतादे दोनो ही गंगा घाटों के बीच की दूरी लगभग 30 किलोमीटर हैं, दोनो ही घाटों से रोजाना सैकड़ो छात्र, व्यापारी, और इलाज के लोग मिर्जापुर से भदोही, भदोही से मिर्जापुर के लिए पीपा पुल से जाते है, बाढ़ के दिनों में स्थिति ऐसी हो जाती हैं लोगों की आवाजाही ठप हो जाती है, पीपा पुल को हटा दिया जाता है।
नाव को अधिक जलस्तर हो जाने के कारण बन्द कर दिया जाता है, कुछ नाव चलते भी है तो अधिक धन लेते है, साथ ही जान का खतरा बना होता है, ऐसे में अब भदोही की अवाम नेताओ के झूठे वादों से तंग आकर धरना प्रदर्शन का रुख अख्तियार कर ली हैं, लोगों की मांग है की लिखित आश्वासन के साथ साथ ठोसा कदम उठाए ताकि जल्द से जल्द पक्के पुल का निर्माण हो सके।
इनपुट: अनन्तदेव पांडे