सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी एक्ट को निष्क्रिय कर दिया गया। जिसके बाद पूरे देश में इसका विरोध किया जाने लगा। जगह जगह धरना प्रदर्शन किया जाने लगा। इसी क्रम में कानपुर में भारतीय दलित पैन्थर ग्रुप ने हजारों की संख्या में इकट्ठे होकर जुलूस निकाला और एससीएसटी एक्ट निष्क्रिय किये जाने पर भारत बन्द का आह्वान किया।
उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर में आज दलित पैन्थर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी एक्ट को निष्क्रिय किये जाने के विरोध में भारत बंद के आह्वान का कोई असर नहीं दिखा। शहर के सभी सरकारी और निजी कार्यालय खुले रहे। वहीं सभी स्कूल कॉलेज और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी खुले रहे। भारत बन्द का आह्वान केवल मीडिया कवरेज तक सीमित दिखा। मीडिया के कैमरों को देख दलित पैंथर ग्रुप ने जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की और कैमरे हटते ही सभी प्रदर्शनकारी अपने अपने घरो को लौट गए।
आगरा में प्रदर्शनकारियों ने रोकी कई ट्रेनें, पुलिस पत्रकारों पर हमला
खबरों के अनुसार, आगरा में प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों पर कब्जा कर लिया। जिसकी वजह से दिल्ली-झांसी रेलवे मार्ग पर कई ट्रेन प्रभावित हुई। मेरठ में भी दलितों ने प्रदर्शन के दौरान बसों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बवाल करते हुए पुलिस और पत्रकारों पर भी हमला कर दिया। हमले की सूचना पर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है कर दिया गया है।
गाजियाबाद में रेलवे संचालन प्रभावित
गाजियाबाद में रेलवे फटकी पर जाम के कारण ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। दलित संगठन से जुडे लोग जगह जगह इक्ठ्ठे होना शुरू भी गए हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ तथा आगरा व मैनपुरी में दलित संगठन से जुड़े लोग सड़क पर उतर आए हैं। कई जगह पर प्रदर्शनकारी ट्रेन के सामने खड़े हो गए हैं। एससी-एसटी एक्ट पर फैसले का आगरा में भी कई संगठनों ने काफी विरोध किया है।
ये है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में एससी/एसटी एक्ट 1989 में सीधे गिरफ्तारी पर रोक लगाने का फैसला किया था। कोर्ट ने कहा था कि एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच हो। कोर्ट ने कहा था कि केस दर्ज करने से पहले डीएसपी स्तर का अधिकारी पूरे मामले की प्रारंभिक जांच करेगा और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि कुछ मामलों में आरोपी को अग्रिम ज़मानत भी मिल सकती है।