पूरे देश में एससी-एसटी अधिनियम में हुए संशोधन के विरोध में सवर्ण जातियों द्वारा गुरुवार को बंद का आह्वान किया गया। सोशल मीडिया के माध्यम से इस बंद को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम होता चला गया। बंद के आयोजन को लेकर बैठकों का दौर जारी रही। बंद को लेकर व्यापारी से लेकर अधिकारी तक सभी अलर्ट दिखी। इसका असर यूपी के कई जिलों में देखने को मिला। वहीं आगरा जिले में पवार समाज का भारत बंद का आह्वान किया गया। एससी एसटी एक्ट के विरोध में सदर समाज के लोग आज सुबह से ही सड़कों पर रहे। बंद को लेकर व्यापारी से लेकर अधिकारी तक सभी अलर्ट रहे। आगरा जिले में प्रदर्शनकारियों ने एनएच-3 पर जाम लगा दिया है। वहीं कई ट्रेनों को रोक दिया।
ग्रामीण इलाकों की बात करें तो ग्रामीण इलाकों में बाह शमशाबाद खेरागढ़ तहसीलों में लोग सुबह से ही बाजार प्रतिष्ठान स्कूलों को बंद करा रहे और लोगों से अपील कर रहे हैं कि आज भारत बंद के आह्वान को सफल बनाएं। आगरा में भी पेट्रोल पंप स्कूल प्रतिष्ठान शोरूम दुकानों के बाहर बोर्ड लगे हुए हैं व्यापारी सड़कों पर थे। व्यापारियों का कहना है की एससी एसटी एक्ट में अगर संशोधन नहीं किया तो 2019 में भाजपा को बड़ा झटका लगेगा और अभी तो सदर समाज का एक दिन का प्रोटेस्ट है आंदोलन और भी उग्र होगा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पिछले भारत बंद में हुई थी हिंसा[/penci_blockquote]
गौरतलब है कि पिछली बार भारत बंद एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को बुलाया था। तब सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी। इस वजह से इस बार मध्य प्रदेश प्रशासन इस बार भारत बंद को देखते हुए पूरी तरह सतर्क है। भारत बंद को देखते हुए मध्य प्रदेश के तीन जिलों मुरैना, भिंड एवं शिवपुरी में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगा दी गई है। धारा 144 भारत बंद के अगले दिन यानी 7 सितंबर तक प्रभावी रहेगी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सवर्णों ने क्यों बुलाया भारत बंद?[/penci_blockquote]
केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट में संशोधन किए जाने के विरोध में सवर्ण समाज, करणी सेना, सपाक्स एवं अन्यों द्वारा छह सितम्बर को ‘भारत बंद’ के आह्वान को मद्देनजर यह आदेश जारी किया गया। इस बीच, ब्रह्म समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के विरोध में 6 सितंबर को शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेगा। बता दें कि पिछले एक सप्ताह से इस कानून के खिलाफ मध्यप्रदेश के कई स्थानों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं एवं मंत्रियों को काले झंडे भी दिखाये गए हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]क्या है SC-ST Act?[/penci_blockquote]
अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लोगों पर होने वाले अत्याचार और उनके साथ होनेवाले भेदभाव को रोकने के मकसद से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 1989 बनाया गया था। जम्मू कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में इस एक्ट को लागू किया गया। इसके तहत इन लोगों को समाज में एक समान दर्जा दिलाने के लिए कई प्रावधान किए गए और इनकी हरसंभव मदद के लिए जरूरी उपाय किए गए। इन पर होनेवाले अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष व्यवस्था की गई ताकि ये अपनी बात खुलकर रख सके।
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