आरक्षण के विरोध में सोशल मीडिया के जरिए 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद को लेकर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कई संवदेनशील जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर धारा 144 लगा दी गई है। वहीं बात करें मेरठ की तो मेरठ में अब तक इसका कोई असर देखने को नहीं मिला है, मेरठ में ना ही नेट बन्द हुआ है और ना ही बाजार ना ही कोई स्कूल, मेरठ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है।
हर परिस्थति से निपटने के लिए तैयार पुलिस प्रशासन
बता दें कि 10 अप्रैल के बंद की अफवाहों के बीच मेरठ में जनजीवन सामान्य है। बाजार प्रतिदिन की तरह खुले रहे और यातायात भी सामान्य तरीके से चल रहा है। पुलिस प्रशासन हर परिस्थति से निपटने के लिए पहले से ही मुस्तैद है। हर चौराहों पर पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। ता वहीं कुछ जगहों पर फायर बिग्रेड की गाड़ियों को भी अलर्ट मोड पर खड़ा किया है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का मुआयना करने जिलाधिकारी अनिल ढींगरा, एसपी सिटी, एडीएम सिटी, एसएसपी मंजिल सैनी सहित बड़े अधिकारी मेरठ की सड़कों पर हैं।
सोशल मीडिया पर हुआ जमकर प्रचार प्रसार
2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान हिंसा पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने माना था कि जमीनी हकीकत का आकलन करने में चूक हुई थी। इसके बाद आरक्षण के विरोध में विभिन्न संगठनों ने 10 अप्रैल को बंद बुलाने की घोषणा कर दी। सोशल मीडिया पर इसका काफी प्रचार प्रसार भी किया गया। हालांकि, किसी भी जिले में अब तक बंद को लेकर कोई अनुमति नहीं मांगी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाके में होने वाली किसी भी हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
उपद्रव फैलाने वालों से कड़ाई से निपटेगी पुलिस
एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है। यदि कोई ज्ञापन सौंपना चाहता है तो उसके लिए कोई परेशानी नहीं होगी। कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का प्रयास करेगा तो पुलिस कड़ाई से निपटेगी। यूपी में पुलिस और प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश भर में वाहनों की चेकिंग की जा रही है। भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि इस बार किसी भी प्रकार की हिंसा न हो।