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SC/ST Act के खिलाफ भारत बंद, राजनीतिक पार्टियाँ नहीं दे रही सवर्णों का साथ

bharat bandh against SC/ST act: political parties not support protest

bharat bandh against SC/ST act: political parties not support protest

दलितों के भारत बंद के बाद एक बार फिर देश में भारत बंद का आवाहन किया गया है. जहाँ पिछली बार सुप्रीम कोर्ट के SC/ST Act पर फैसले के खिलाफ दलितों ने भारत बंद कर आन्दोलन किया था, वहीं इस बार सवर्ण समाज ने सरकार द्वारा दलितों के हक और sc/ST के गलत इस्तेमाल को लेकर इसके विरोध में आन्दोलन शुरू किया है.

SC/ST Act के खिलाफ भारत बंद:

सवर्णों के sc/st एक्ट के विरोध का असर भले ही अभी तक दलितों के 2 मई जैसे आदोलन के समान उग्र भले ही नहीं हैं. पर इसका प्रभाव प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिल रहा हैं.

सवर्ण समाज यूपी के हर जिले में सडकों पर उतर आये हैं और SC/ST को खत्म करने की बात कर रहे हैं. सवर्ण समाज, करणी सेना, सपाक्स सहित सवर्णों के 35 संगठनों ने ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है.

लेकिन यहाँ एक गौरतलब बात ये भी है कि सवर्णों के इस आंदोलन के समर्थन में कोई भी राजनीतिक दल सामने नहीं आ रहा है. इसके पीछे सीधी वजह दलित मतदाता माने जा रहे हैं.

बसपा तो दलितों के दल के तौर पर प्रसिद्ध ही हैं लेकिन सपा, कांग्रेस और अन्य छोटे बड़े राजनीतिक दल भी sc/st एक्ट के खिलाफ इस आदोलन को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से बच रहे हैं.

भाजपा सरकार में बैचैनी:

वहीं दलितों के आन्दोलन के बाद उनके पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ SC/ST एक्ट को लागू करने वाली मोदी सरकार को अब सवर्णों के विरोध का भी सामने करना पड़ रहा हैं.

यहीं वजह है कि दलितों की नाराजगी से बचने की कोशिश कर रही केन्द्र की मोदी सरकार अब सवर्णों का विरोध झेल रही हैं. बीजेपी में इस आदोलन को लेकर बेचैनी बढ़ गयी है.

सवर्ण समाज की नाराजगी झेल रही भाजपा:

भाजपा के लिए हमेशा से ही सवर्ण समुदाय मूल वोटबैंक रहा है. इसके बाद भी सवर्ण समाज के आदोलन को भाजपा का समर्थन भी नहीं मिल रहा है.

भाजपा हो या बसपा, सपा हो या कांग्रेस या अन्य राजनीतिक दल, कोई भी sc/st एक्ट के खिलाफ सवर्णों के विरोध को समर्थन नहीं दे रहे इसके पीछे की मुख्य वजह दलित मतदाता हैं.

दलितों मतदाताओं को नहीं करना चाहतीं पार्टियाँ नाराज:

देश की राजनीति में दलित मतदाताओं का अपना ही एक बल है. यहीं कारण है कि दलित सत्ता बनाने और गिराने में एक अहम भूमिका निभाते है.

और इसी बल के चलते कोई भी दल दलितों के खिलाफ या sc/st एक्ट के खिलाफ सीधे तौर पर सामने नहीं आना चाहता.

बीजेपी: सवर्णों के खिलाफ नहीं है SC/ST कानून

सवर्णों के इस कदम के बाद भाजपा डैमेज कण्ट्रोल में जुट गयी है.भाजपा की ओर से बार बार ये बयान जारी हो रहा है कि एसटीएससी एक्ट सवर्णों के खिलाफ नहीं हैं.

वहीँ केंद्र की मोदी सरकार सवर्ण समुदाय की नाराजगी को कैसे दूर किया जाए, इसके लिए भी मंथन किया. इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बैठ कर इस समस्या के समाधान और सवर्णों की नाराग्जी दूर करने के बारे में चर्चा भी की है.

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