देश की राजनीति में जिस पार्टी को लोग आज के दौर में ‘भारतीय जनता पार्टी’ के नाम से जानते हैं। इसका बीज तो 1951 में पड़ गया था लेकिन इस दौरान 1977 तक इसे ‘भारतीय जन संघ’ के नाम से जाना जाता रहा।
- वर्ष 1977 में नाम बदला तो 1979 तक इसे जनता पार्टी के नाम से जाना गया।
- करीब तीन दशक पहले 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से इस पार्टी का पौधा लगाया गया।
- अब यह पौधा विशालकाय वट वृक्ष की तरह हो गया है और यह देश का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन गया है।
- बता दें कि पार्टी का आज 38वां स्थापना दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है।
यह है राष्ट्रीय संगठन की विजय-गाथा
- बता दें कि 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना हुई।
- इसके बाद पार्टी का पहला स्थापना दिवस मुम्बई में आयोजित किया गया।
- इस सम्मलेन की अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी ने की।
- वर्ष 1984 के चुनावों के लिए भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ कमर कासी और गलतियों का भी सुधार किया।
- इस दौरान पार्टी की समीक्षा इसमें संगठन को और अच्छा बनाने के लिए रणनीति बनाई गई।
- 1995 के चुनावों में बिहार, उड़ीसा, गोवा, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात एवं महाराष्ट्र के परिणाम अच्छे आये।
- इसके बाद पार्टी लगातार विजय पथ पर बढ़ती चली गई।
- आन्ध्र प्रदेश में उस दौरान भाजपा ने 3 सीटें हारीं।
- लेकिन कर्नाटक में पार्टी ने 40 सीटें जीती।
- गोवा में पहली बार भाजपा ने 60 सीटों पर जीत दर्ज की।
- 1989 में भाजपा ने जनता दल समायोजन से 89 लोक सभा की सीटों पर जीत दर्ज की।
- पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा की तभी 1991 में चुनावों में प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई।
- इस दौरान 119 सीटों पर भजपा ने जीत दर्ज की। 1996 के चुनावों में भाजपा एक बड़ी पार्टी के रूप में उभर के सामने आयी।
- इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा ने सरकार बनाने के लिए बुलाया था।
- परंतु लोकसभा में बहुमत न साबित कर पाने के कारन मात्र 13 दिन में ही सरकार गिर गई।
- इसके बाद 1998 में हुए आम चुनाव में छोटी पार्टियों के गठबंधन से 181 सीटों पर जीत हासिल की।
- इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी को फिर से प्रधानमंत्री बनाया गया।
- लेकिन इस दौरान जयललिता की एआईएडीएमके के समर्थन वापस लेने से भाजपा सरकार गिर गई।
- इसके बाद फिर से 1999 में आम चुनाव हुए तो 23 सहयोगी पार्टियों ने साझा गठबंधन किया, और इस गठबंधन को एनडीए का नाम दिया गया।
- इसके बाद भाजपा यूपी में भी बनवास काटती रही और देश में भी।
- साल 2014 में भाजपा ने दांव खेला और अपनी किस्मत चमकाने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री के लिए नाम सामने लाया गया।
- इसके बाद पूरे देश में मोदी बयार बहने लगी।
- इस चुनाव में देश की जनता ने मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में चुना।
- मोदी और अमित शाह के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने जी तोड़ मेहनत करके यूपी में 14 साल से बनवास काट रही भाजपा को सत्ता पर बैठाया।
- 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने यूपी में प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई और आदित्यनाथ योगी को सीएम बनाया।
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