बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में सात जुलाई से बीटेक की पढ़ाई शुरू होनी थी लेकिन ऐसा हो न सका। वजह, इस विभाग के एक शिक्षक की शिकायत पर पड़े छापे में सीबीआई ने रिश्वत के आरोप में इंस्टीट्यूट के निदेशक व उनके सहायक को पकड़ लिया। कुलपति ने सभी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। लिहाजा वहां पर पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं बचे। केवल वहां पर इंस्टीट्यूट के समन्वयक के नाम एक एप्लाइड केमिस्ट्री के प्रोफेसर कमान सिंह ही मौजूद हैं। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई का संकट खड़ा हो गया है।
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नहीं है कोई स्थायी टीचर
- निदेशक व उनके सहायक के पकड़े जाने के बाद से छात्रों की पढ़ाई का संकट हो गया है।
- क्यूंकि इसके बाद अन्य शिक्षकों को भी निकल दिया गया था।
सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के निदेशक पद पर प्रो. विपिन सक्सेना थे। - इंस्टीट्यूट के एक संविदा शिक्षक ने सीबीआई से शिकायत की थी।
- उन्होंने शिकायत की थी की संविदा बढ़ाने के लिए रिश्वत मांगी जा रही है।
- सीबीआई ने छापा मारकर निदेशक और उनके सहायक को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
- इसके बाद कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने इंस्टीट्यूट में तैनात सभी 28 संविदा शिक्षक की संविदा नहीं बढ़ाते हुए उन्हें बाहर कर दिया।
- उनके इस कदम के बाद इंस्टीट्यूट में पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं रहा।
- पूरा इंस्टीट्यूट इन्ही 28 संविदा शिक्षक की बदौलत चल रहा था।
- वहां पर एक भी स्थाई शिक्षक नहीं है। यहां तक की निदेशक भी क प्यूटर विभाग के थे।
- यूजीसी की ओर से इंस्टीट्यूट में बीटेक के चलने वाले कोर्सों में पढ़ाई के लिए एक भी स्थायी शिक्षक का पद अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया है।
- ऐसे में बीटेक कोर्स शुरूआत से ही केवल अतिथि शिक्षक या संविदा शिक्षकों के सहारे चल रहा है।
बीटेक के छह कोर्स हैं संचालित
- बीबीएयू में छह बीटेक कोर्स की पढ़ाई होती है।
- इसमें सिविल, इलेक्ट्रक्सि, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और कंप्यूटर साइंस जैसे कोर्स चलाए जाते हैं। इनमें करीब तीन सौ सीटें हैं। लगभग दो हजार से अधिक छात्र इंस्टीट्यूट में पढ़ते हैं।
- वहीं कई करोड़ रूपए वर्ष में इन छात्रों से विवि को हासिल होते है।
- बीबीएयू के प्रवक्ता प्रो. गोविंद जी पांडेय का कहना है कि जल्द ही शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
- छात्रों का किसी तरह से नुकसान नहीं होने देंगे। पढ़ाई पूरी करायी जाएगी।
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