सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के मुख्य आरोपी और भीम सेना संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण को राज्य सरकार ने रिहा कर दिया है। रावण को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत जेल भेजा गया था। वह लगभग पिछले 16 महीने से जेल में बंद था। रावण को गुरुवार देर रात करीब 2:24 बजे जेल से रिहा किया गया। रावण की रिहाई के दौरान उसके काफी समर्थक जेल के बाहर जमा रहे। इस दौरान जेल के चारों तरफ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
जेल से निकलते ही बीजेपी पर बोला हमला :
सहारनपुर की जेल से निकलने के बाद चंद्रशेखर ‘रावण’ ने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान भारी संख्या में उसके समर्थक वहां मौजूद रहे। समर्थकों से बात करते हुए उसने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला और कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार से सरकार डरी हुई थी इसलिए उन्होंने खुद को बचाने के लिए मुझे जल्द रिहा कर दिया। उसने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि अगले 10 में वे लोग मेरे खिलाफ कुछ न कुछ नए आरोप जरूर लगाएंगे। मैं 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए अपने लोगों से बात करूंगा।
[penci_blockquote style=”style-2″ align=”none” author=””]जेल से निकलने के बाद ‘रावण’ ने एक सभा को संबोधित किया[/penci_blockquote]
जातीय हिंसा में हुई थी गिरफ्तारी :
भीम आर्मी सेना का संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण पिछले साल मई में सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। भीम सेना बनाकर वह सुर्खियों में आया था। रावण की गिरफ्तार पर काफी विरोध हुआ था। गिरफ्तारी के बाद जिला प्रशासन को सहारनपुर में दो दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद रखनी पड़ी थी। इसे लेकर राजनीति भी खूब हुई। इस दौरान बसपा प्रमुख मायावती भी शब्बीरपुर पहुंची थीं जिसके बाद हिंसा और भड़क गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी और एसएसपी को तुरंत हटा दिया गया था और बाद में एसएसपी को निलंबित कर दिया गया था।
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