उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिला में पुलिस का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया। यहां नगर कोतवाली में नीलामी से पहले ही लावारिश होंडा सिटी लग्जरी कार गायब कर देने का आरोप एक पुलिस अधिकारी पर लगा। ये मामला तब खुला जब एक आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता ने होंडा सिटी का मुद्दा उठा दिया। आरटीआई के जबाव में नगर कोतवाल यह नहीं बता सके कि होंडा सिटी कार कहां है। साथ ही उन्होंने नीलाम होने वाले वाहनों की सूची को भी गोपनीय बनाये रखा। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी माला बाजपेई ने भी वाहनों की संख्या आैर प्रकार की जानकारी होने से इंकार किया।
जब सोशल मीडिया पर चर्चा उठी कि होंडा सिटी कार एक बड़े पुलिस अधिकारी के ठिकाने पर पहुंच गयी है। वैसे पुलिस द्वारा गोपनीय ढंग से नीलामी की तैयारी थी, लेकिन भंडा फूट जाने से मामला बिगड़ गया। उधर एसडीएम जेपी सिंह ने कहा है कि अगर ऐसा है तो मामला अति गंभीर है। उनके स्तर पर नीलामी को स्वीकृत नहीं किया जायेगा। वहीं इस संबंध में सफाई देते हुए नगर कोतवाली प्रभारी श्याम सुंदर पांडेय ने बताया कि 18 वाहनों की नीलामी हुई है। इसमें होंडा सिटी कार भी शामिल है। लक्जरी कार को कोई अधिकारी नहीं ले गया है, कार एक दिन के लिए थाने से बाहर गई थी।
बहरहाल सुर्खियों में आयी होंडा सिटी कार नगर कोतवाली में नजर नहीं आ रही थी। नगर कोतवाल श्याम सुंदर पांडेय भी टाल-मटोल जवाब दे रहे हैं। एसडीएम सदर जेपी सिंह ने कहा कि सील गोदामों के भौतिक सत्यापन के कार्य में वह दिन भर व्यस्त रहे। नीलामी प्रक्रिया में तहसील प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिनिधि भी नहीं गया था। बावजूद इसके किन परिस्थितियों में नीलामी की गयी, यह गंभीर विषय है। उनके स्तर पर नीलामी को स्वीकृत नहीं दी जायेगी।
जानकारी के मुताबिक, मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है। यहां शनिवार को 18 लावारिश वाहनों की नीलामी की गयी। अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे से नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान नीलामी में हिस्सा लेने पहुंचे लोगों ने नगर कोतवाल श्याम सुंदर पांडेय से वाहनों की संख्या आैर प्रकार की जानकारी चाही तो उन्होंने लावारिश बाइकों की तरफ इशारा करते हुए सवाल को टाल दिया। इसी बीच सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी माला बाजपेई भी थोड़ी देर के लिए नीलामी प्रक्रिया में शामिल हुई। माला बाजपेई से मीडिया ने सवाल किया कि आखिर कितने वाहनों की नीलामी की जा रही है तो उन्होंने जानकारी होने से इंकार किया, कहा कि माल पुलिस का है,पुलिस ने उन्हें कोई सूची नहीं सौंपी है।
इसी बीच आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता बृजेश कुमार पांडेय पहुंच गये। उन्होंने 24 अप्रैल सन् 2017 को लावारिश हालत में मिली होंडा सिटी कार का मुद्दा उठा दिया। होंडा सिटी कार कहां है के सवाल पर नगर कोतवाल की बोलती बंद हो गयी। हालांकि एक्टिविस्ट बृजेश पांडेय ने एक बड़े पुलिस अधिकारी पर सीधा आरोप मढ़ते हुए खुलासा किया कि नीलामी से पहले ही होंडा सिटी कार कोतवाली नगर से गायब कर दी गयी है। संभवत:यह कार अधिकारी के ठिकाने पर पहुंच गयी है।
बृजेश पांडेय ने जनसूचना अधिकार के तहत पुलिस से मिली सूचना से संबंधित कागजात भी कोतवाली नगर में दिखाई। इन कागजातों के अनुसार यह कार दिल्ली से गायब की गयी थी। 23 अप्रैल को ललिता लाल ने कार चोरी की रपट दर्ज करायी थी। कार का नंबर डीएस 3 सी सीएल 3536 है। नगर कोतवाली पुलिस ने कार को जीडी नंबर 34 दिनांक 24 अप्रैल 2017 में कार को लावारिश में आमद किया है। बृजेश पांडेय को होंडा सिटी कार से जुड़ी कई जानकारियां पुलिस ने नहीं दी। जिस पर उन्होंने शिकायत भी दर्ज करायी है। उनका कहना है कि सम्पूर्ण सूचना देने में टाल-मटोल के तहत भ्रामक सूचनाएं दी जा रही हैं।