प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 2019 तक पूरे देश को खुले में शौचमुक्त बनाने का सपना देखा। पीएम ने इस सपने को साकार करने के लिए पूरे देश में अफसरों को इज्जत घर बनवाने के निर्देश दिए। लेकिन अधिकारियों ने ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर बड़ा घोटाला कर डाला। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचारी अधिकारियों की मिलीभगत से सिर्फ नाम का ही इज्जत घर बनवाकर तैयार किया जा रहा है। तस्वीरों में इज्जत घर की बानगी आप खुद देख सकते हैं कि कैसे ग्राम प्रधान और सरकारी अफसर उनके अभियान में पलीता लगा रहे हैं।
शाहजहांपुर जिला में चल रहा बड़ा घोटाला
यूपी के शाहजहांपुर जिला में धड़ल्ले से घोटाले का खेल चल रहा है। यहां भाबालखेड़ा, ददरौल, जलालाबाद, कांट, पुवायां, खुटार, मिर्जापुर, तिलहर, खुदागंज कलान सहित 15 ब्लॉकों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के चलते 10 अप्रैल 2018 तक ओडीएफ में 15 हजार शौचालयों का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए लगभग 18 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। अधिकारियों और ग्राम प्रधानों ने मिलीभगत कर मोटा कमीशन लेकर शौचालय बनवाने का काम ठेकेदारों को दे दिया। ग्रामीणों की माने तो एक शौचालय में 900 की जगह महज 400 से 500 सौ घटिया ईंटे बेकार मसाले से लगाकर किसी तरह काम पूरा किया जा रहा है।
महज 4 से 5 हजार रुपए में तैयार करवा रहे शौचालय
पूरे जिला में घरों में बनाये जा रहे इज्जत घरों में प्रधान और सरकारी अफसर मिलकर करोड़ों का डाका डाल रहे हैं। शौचालय के नाम पर आए करोड़ों रुपए खर्च ना करके अपनी जेबें भर रहे हैं। इज्जत घर बनाने के नाम पर ग्रामीणों के साथ जमकर धोखा किया जा रहा है। ओडीएफ के तहत जिले में 15 अप्रैल तक 15 हजार शौचालयों के निर्माण करने की जम्मेदारी जिला प्रशासन की है। एक शौचालय की लागत 12 हजार हैं लेकिन महज 4 से 5 हजार रुपए में शौचालय तैयार करवाये जा रहे हैं।
ग्रामीणों के विरोध करने पर मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और अधिकारी मिलकर 12 हजार रुपये की लागत से बनने वाले शौचालय को 5 से 6 हजार रुपये की लागत मे मानकविहीन बनाकर कई करोड़ रुपये डकार रहे हैं। वहीं विरोध करने पर अधिकारी उनके खिलाफ मुकदमा लिखकर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। घोटाले का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बड़े घोटाले सामने आ चुके है लेकिन अधिकारियो की सांठगांठ के चलते घोटालेबाजों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
पूरे मामले को दबाने की कोशिश में जिला प्रशासन
इस मामले में जिला अधिकारी अमृत त्रिपाठी ने बताया कि जिले के 150 अधिकारी ओडीएफ में लगाये गए हैं जिनकी निगरानी में शौचालय निर्माण कराया जा रहे हैं। अगर शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि डीएम से जब इसकी शिकायत की गई तो वह ही पूरे मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।