देश में ऐसे अनगिनत परिवार है जहाँ आज भी बेटियों को बेटों से कम समझा जाता है. यही नही यहाँ बेटियों को बोझ समझते हुए उन्हें शिक्षा एवं खेल कूद से हटा कर घर के कामों में लगा दिया जाता है या फिर कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी जाती है. लेकिन देश की बेटियों ने हर बार आगे न सिर्फ देश का नाम रौशन किया है बल्कि ये भी साबित किया है की देश की बेटियां बेटों से कम नही हैं. इसी क्रम में सूरत से लेह लद्दाख की 10 हजार किलोमीटर की “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ”की संदेश यात्रा लेकर निकली “बाइकिंग क्वीन”आज कानपुर पहुँची.
कानपुर से इलाहबाद के लिए रवाना हुआ बाइकिंग क्वीन का कारवां-
- बाइकिंग क्वीन डॉ. सारिका मेहता का कारवां आज यूपी के कानपुर पहुंचा.
- कानपुर में पत्रकारों से बात करने के बाद बाइकिंग क्वीन का करवा इलाहबाद के लिए रवाना हो गया.
- बाइकिंग क्वीन्स की लीडर डॉ. सारिका मेहता ने कानपुर में प्रेस वार्ता की.
- सारिका ने बताया कि 45 बाइको पर सवार ये कारवां सूरत से 19 जुलाई को निकला था.
- बाइक सवार इन सदस्यो का उद्देश्य 71वें स्वत्रंतता दिवस के मौके पर लेह लद्धाख पर तिरंगा फहराना है.
- उन्होंने बताया कि ये यात्रा कुल 10 हजार किलोमीटर की है.
5 प्रदेशों के 6000 गाँव से गुजरेंगी ‘बाइकिंग क्वीन्स’-
- इस दौरान ये बाइक सवार 5 प्रदेशों के 6000 गाँव, से होकर निकलेगी.
- बाइकिंग क्वीन की स्थापना 2 वर्ष पूर्व ही हुई थी.
- सारिका के अनुसार आज बाइकिंग पुरुषों के लिए ही मानी जाती है इसी मिथा को तोड़ते हुए महिलाओ के सदस्यों के द्वारा इतनी लंबी यात्रा करने का विचार आया.
- सदस्य अंकिता के अनुसार आज भी बेटियों को पढ़ाने में परिवार के कई सदस्यों की सोच ये हो जाती है कि ये बेटियां नही कर सकती.
- इसी के चलते ही आज बाइकिंग क्वीन की ये संदेश यात्रा निकली है.
- यात्रा के दौरान कई गांवों में बिजली,पानी,सड़क,समस्याओ के बाद ग्रामीण आज भी कोई शिकवा, शिकायत नही करते है.
- जबकि दूसरी तरफ आज भी हम किसी भी बात पर सरकार,प्रसाशन को दोषी बनाये रहते है.
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