उत्तर प्रदेश के लगातार 2 चुनावों में हार के बाद समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनावों की तैयारी करना शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी सक्रिय होकर पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हैं। अखिलेश यादव लगातार सपा के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दे रहे हैं और उनके साथ केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी क्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2 बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कर पूर्वांचल में बीजेपी को बड़ा झटका दे दिया है।
सपा का बढ़ा कुनबा :
2019 के लोकसभा चुनावों को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव निर्णायक बता चुके हैं। ऐसे में वे विभिन्न दलों के नेताओं को सपा में शामिल कराकर वोटबैंक को मजबूत करने में लगे हुए हैं। 11 जनवरी को भी बसपा के मिर्जापुर के पूर्व सांसद लालचंद्र कोल, कुशीनगर के पूर्व विधायक शंभू चौधरी, पूर्व विधायक नंद किशोर मिश्र सहित कई बड़े नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। इसी क्रम में अब बिंद समाज कल्याण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र बिंद, श्यामलाल बिंद को अखिलेश यादव ने सपा में शामिल कराया है। इन्हें सपा में शामिल कराकर अखिलेश यादव ने भाजपा के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है।
पूर्वांचल की कई सीटों पर है पकड़ :
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के भदोही, ज्ञानपुर, जौनपुर, चंदौली, वाराणसी के कई विधानसभा क्षेत्रों में बिंद वोट बैंक काफी ज्यादा है। राजेंद्र बिंद खुद जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर से आते हैं जहाँ पर उनका वोटबैंक काफी मजबूत है। पूरे पूर्वांचल में लगभग 6 से 7 लाख बिंद निवास करते हैं। पूर्वांचल की वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र सहित कई सीटों के चुनाव परिणाम पर इन जातियों का बड़ा असर रहा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले सपा में 2 बड़े नेताओं का शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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