लखनऊ नगर निगम का उपस्तिथि दर्ज कराने का सिस्टम बीमार है। यह सुनकर आप को थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा लेकिन यह सत्य है। अभी तक जो अधिकारी और कर्मचारी मन आता था उतने बजे आते थे। लेकिन सीएम आदित्यनाथ योगी ने जब सरकारी विभागों में बॉयोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाने के निर्देश दिए तो कर्मचारियों की हवा निकल गई।
नगर विकास मंत्री ने किया था निरीक्षण
- पिछले दिनों नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय परिसर का निरीक्षण किया था तो उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए कहा था।
- इसके बाद नगर आयुक्त उदयराज सिंह ने नगर निगम की तहसीलदार सविता शुक्ला को नोडल अधिकारी बनाते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने और बायोमीटिक की रिपोर्ट के आधार पर लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति करने का निर्देश दिया था।
- लेकिन 28 मार्च से की गई निगरानी में नगर निगम के विभिन्न विभागों में तैनात कर्मचारियों की संख्या में भिन्नता पाई गई और कई सेवानिवृत्त और दूसरी जगह तबादला हो गए कर्मचारियों का नाम भी बायोमीटिक में दर्ज पाया गया।
- इसके कारण उपस्थिति व अनुपस्थिति रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
- नोडल अधिकारी सविता शुक्ला ने अपनी रिपोर्ट देते हुए बायोमीटिक सिस्टम को पहले दुरूस्त कराने की संस्तुति की थी।
- नगर आयुक्त उदयराज सिंह ने बताया कि बायोमीटिक सिस्टम को दुरस्त कराने को कहा गया है। बायोमीटिक में जिन कर्मचारियों का नाम दर्ज है आर वह कल सोमवार सुबह साढ़े दस बजे तक अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कराएंगे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- नगर आयुक्त ने मुख्यालय में बने रिकार्ड रूम की सफाई कराने और दुर्लभ अभिलेखों को सुरक्षित करने के लिए अपर नगर आयुक्त नंदलाल सिंह की अध्यक्षता में टीम बनाई है, जिसमे मुख्य अभियंता एसके अंबेडकर और तहसीलदार देश दीपक सिंह को भी शामिल किया गया है।
- बता दें कि सीएम योगी के निर्देश के बाद हर सरकारी विभाग में सफाई अभियान चलाया जा रहा है लेकिन नगर निगम अभी भी गन्दा है।
- कर्मचारियों के बैठने की जगह मेंटिनेंस होने के चलते पानी बह रहा है तो परिसर में भी काफी गंदगी फैली रहती है।