उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला के छानबे विधानसभा में भाजपा के महिला मोर्चा के मंडल अध्यक्ष ने अपने ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपनी ही पार्टी के नेताओं पर खुद की किडनैपिंग का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि सहकारी समिति के चुनाव में निर्विरोध डायरेक्टर चुने जाने के बाद अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए उसका अपहरण किया गया था। उसका कहना है कि यदि उसे न्याय नहीं मिलता है तो वह आरोपियों को गोली मार देगी या खुद आत्महत्या कर लेगी, इसके लिए पार्टी और पुलिस जिम्मेदार होगी।
बीएसएफ जवान फूट-फूटकर रोया, कहा -बॉर्डर पर कर लूंगा आत्मदाह
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर के छानबे विधानसभा में 30 जनवरी को समितियों के चुनाव हुआ था। जिसमें एक महिला को निर्विरोध डायरेक्टर बनने के बाद भी अध्यक्ष नहीं बनने दिया गया। महिला कोई और नहीं सत्तारूढ़ दल बीजेपी के मिर्जापुर जिले के छानबे विधानसभा की महिला मोर्चा के मंडल अध्यक्ष शशिकला पाठक का है। इन्होंने अपने ही पार्टी के मंडल अध्यक्ष जय सिंह और लालगंज विधानसभा प्रभारी स्वामीनाथ सिंह के भाई और अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाया है।
शशिकला का आरोप है कि 30 जनवरी को उसे किडनैप कर लिया गया। क्योंकि पहली बार एक महिला डायरेक्टर बनने के बाद अध्यक्ष बनने जा रही थी। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद पर चुनाव न लड़ने के लिए भारी दबाव के बावजूद जब वो नहीं झुकी तो उसे किडनैप कर लिया गया। जब चुनाव का कार्यक्रम खत्म हो गया तब उसे छोड़ा गया। बताया कि उसे जैसे ही छोड़ा गया उसने फोन से पुलिस को अवगत कराना चाहा पर थाने का फोन नहीं उठा तो उसने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को फोन किया। उसके बाद उस की तहरीर तो ले ली गई पर आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। पीड़िता का कहना है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की जाती है तो पार्टी के नाम पत्र छोड़ वह आरोपियों को गोली मार देगी या खुद आत्महत्या कर लेगी।
रो-रो कर मीडिया से बयां किया दर्द
महिला मोर्चा के मंडल अध्यक्ष शशिकला पाठक ने अपना दर्द मीडिया के सामने बयाँ किया। अपनी आपबीती सुनाते-सुनाते वह मीडिया के सामने फूट-फूट के रोने लगी। उसका कहना है कि यदि उसे न्याय नहीं मिलता है तो वह आरोपियों को गोली मार देगी या खुद आत्महत्या कर लेगी, इसके लिए पार्टी और पुलिस जिम्मेदार होगी।
थाने में नहीं रिसीव हुआ फोन
पीड़िता का कहना है कि उसे जैसे ही छोड़ा गया उसने फोन से पुलिस को सूचित कराना चाहा परन्तु जब थाने का फोन नहीं उठा तो उसने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को फोन करके सूचित किया। पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद उसकी तहरीर तो ले ली गई पर अभी तक मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।