2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी के लिए सहकारिता चुनाव साख का सवाल रहने वाला है। सालों से इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपना वर्चस्व कायम रखा हुआ है। मगर इस बार लगातार 2 चुनावों में हार के बाद से सपा का वोट बैंक कुछ हिलता हुआ दिखाई दिया था मगर सपा ने इस बार के सहकारिता चुनाव में अपना पिछला प्रदर्शन दोहराते हुए जीत की नयी इबारत लिख डाली है। साथ ही भाजपा का उसी के गढ़ में सूपड़ा साफ़ हो गया है जो पार्टी के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।

ज्यादातर सीटों पर जीती सपा :

औरैया के बिधूना प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र की अधिकांश सहकारी समिति पर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर भाजपा समर्थकों ने जीत हासिल की है। साधन सहकारी समिति पर रूपपुर सहार में भाजपा की उमा देवी अध्यक्ष, विनोद पाल उपाध्यक्ष, सराय प्रथम में अवनीश सिंह भदौरिया व उपाध्यक्ष मंजू लता सिंह, कुर्सी में श्रीमती रामा देवी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष रवींद्र सिंह सेंगर, नवीमोहन व सहायल रवींद्र सिंह चौहान अध्यक्ष, जीतू कुशवाहा उपाध्यक्ष, समायन में गीता देवी भदौरिया अध्यक्ष व राजेश त्रिपाठी निर्विरोध चुने गये हैं। वहीँ मुरादगंज प्रतिनिधि के अनुसार साधन सहकारी समिति जगतपुर में जितेंद्र सिंह सभापति, अशोक कुमार उपसभापति, साधन सहकारी समिति भीखेपुर में सुमन दीक्षित, कीर्ति दुबे उपासभाति निर्विरोध चुने गये हैं।

अपने गढ़ में हारी भाजपा :

मुजफ्फरनगर में सहकारी समिति के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को हराकर राजेंद्र सिंह सालारपुर किसान सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष चुने गये हैं। जिले की खतौली विधानसभा से विधायक विक्रम सैनी ने अपने समर्थित प्रत्याशी बाबू राम सैनी को मैदान में उतारा था। इन्हें जिताने के लिए स्थानीय विधायाक ने पूरा जोर लगा दिया था मगर सत्ता में होने का फायदा उन्हें नहीं मिला और भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है। इसके अलावा विधायक विक्रम सैनी पर निर्वाचित अध्यक्ष राजेंद्र के पक्ष की तरफ से नोंकझोंक का आरोप लगाया गया है। इस चुनाव में राजेंद्र सिंह और भाजपा के बाबूराम सैनी के बीच मुकाबला था जिसमें भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है।

 

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