उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के नेताओं द्वारा दल बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है, इसी क्रम में गुरुवार को रीता बहुगुणा जोशी ने भाजपा ज्वाइन कर ली।
हर पार्टी के नेताओं को शामिल करने में जुटी भाजपा:
- कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी ने गुरुवार को भाजपा ज्वाइन कर ली है।
- जिसके बाद प्रदेश में एक बार फिर से राजनैतिक दलों के समीकरण बदलने शुरू हो गए हैं।
- वहीँ भाजपा भी चुनाव से पहले अपने विरोधी दलों की टूट का फायदा उठा रही है।
- सभी प्रमुख दलों के बड़े नेताओं को भाजपा ने अपने यहाँ शरण दी है।
भाजपा के लिए बिहार न बन जाये ‘उत्तर प्रदेश’:
- भारतीय जनता पार्टी द्वारा विरोधी दलों के बड़े चेहरों को चुनाव से पहले पार्टी में शामिल किया जा रहा है।
- उदाहरण के तौर पर बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, कांग्रेस नेता जगदम्बिका पाल भी भाजपा में शामिल हुए थे।
- विरोधी दलों के नेताओं को शामिल करते-करते भाजपा उत्तर प्रदेश को बिहार जैसा झटका भी लग सकता है।
बढ़ती भीड़ से परेशान न हो जाएँ भाजपाई:
- प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा द्वारा जिस स्तर पर विरोधी नेताओं और उनके समर्थकों को पार्टी में शामिल किया जा रहा है।
- वो भाजपा के लिए आने वाले समय में चिंता का विषय बन सकता है।
- पार्टी में बढ़ती बाहरी दलों के नेताओं की भीड़ भाजपाइयों को विचलित कर सकती है।
- साथ ही दूसरे दलों से शामिल हुए नेता भाजपा नेताओं के लिए एक प्रतिस्पर्धा ही होंगे।
क्या जिम्मेदारी होगी बाहरी नेताओं की:
- दूसरे दलों से भाजपा में शामिल हुए नेताओं के लिए पार्टी और शीर्ष नेतृत्व ने क्या जिम्मेदारिय सोच कर रखी हैं।
- इसकी जानकारी तो आने वाले चुनाव में ही पता चलेगी।
- लेकिन यकीनन भाजपा स्वामी प्रसाद मौर्य को दलित वोट तो रीता बहुगुणा जोशी को सवर्णों और पहाड़ी समुदाय के वोटबैंक को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बना ‘कांग्रेस युक्त भाजपा’:
- 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत नामक आन्दोलन चलाया था।
- वहीँ भाजपा द्वारा जिस स्तर पर कांग्रेस के नेताओं को पार्टी में शामिल किया जा रहा है।
- उसे देखते हुए ये कह सकते हैं कि, भाजपा का ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ अब ‘कांग्रेस युक्त भाजपा’ बन गया है।