उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर चल रहे चुनावी महासंग्राम के दौरान तीसरे चरण में होने वाले मतदान से पहले प्रत्याशियों का काला चिट्ठा मंगलवार को यूपी प्रेस क्लब में पेश किया।
- इन दागी नेताओं के कई मंत्रियों के ऊपर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
- कई मंत्रियों के ऊपर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर केस दर्ज हैं।
- जबकि कई मंत्रियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने जैसे अपराध शामिल हैं।
- चुनाव आते ही विभिन्न दलों में प्रत्याशियों को चुनने की होड़ सी लग जाती है।
- ऐसे में सियासी दल अपने फायदे के लिए दागी तथा अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का चयन करने में गूरेज नहीं करती हैं।
- लेकिन इलेक्शन वाच द्वारा निरन्तर चलायी जा रही जागरूकता के कारण इस बार अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के खिलाफ रिपोर्ट पेश कर इनके कारनामे उजागर कर रहा है।
सात पर हत्या का मामला
- भाजपा में 68 में से 21 यानी 31 फीसदी उम्मीदवार आपराधिक छवि के हैं।
- वहीं गंभीर आपराधिक मामलों वाले 67 में से 16 यानी चैबीस फीसदी उम्मीदवार तीसरे चरण में ताल ठोंक रहे हैं।
- इसके अलावा आरएलडी के 40 में से 5 (13 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले और गंभीर अपराधों में 40 में 6 यानी 10 फीसदी प्रत्याशी चुनाव लड़े रहे हैं।
- इसी क्रम में सपा के 59 में से 13 यानी 22 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले और गंभीर आपराधों में 59 में से 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
- इसी तरह कांग्रेस के 14 में 15 यानी 36 प्रतिशत उमीदवारों पर आपराधिक मामले और गंभीर अपराधों में 14 में से 3 यानी 21 फीसदी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
- इसके अतिरिक्त तीसरे चरण में 255 में 13 यानी 6 फीसदी निर्दलीय उम्मीदवारों आपराधिक मामले और गंभीर अपराधों में 68 में से 12 यानी 6 फीसदी प्रत्याशी चुनाव में किस्मत आज़मा रहे हैं।
- 813 में सात उम्मीदवारों पर हत्या का मामला दर्ज है।
- हत्या की कोशिश वाले 11 उम्मीदवार तीसरे चरण में किस्मत आज़मा रहे हैं।
- वहीं, 6 उम्मीदवारों पर महिला उत्पीड़न के मामले तो पांच प्रत्याशियों पर अपहरण का केस दर्ज है।
- इसके अलावा तीसरे चरण में 21 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं जहां राजनैतिक दलों के कम से कम तीन उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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