भू-माफिया सरकार बदलते ही पार्टी बदल कर अवैध निर्माण पर उतारू, सीएम के निर्देश को ताक पर रखकर हो रहा काम।
लखनऊ। जैसे ही सरकार बदली हैं वैसे ही भूमाफियाओं ने पार्टी भी बदल दी। कभी समाजवादी पार्टी का दामन थामें प्रवीन नागर ने बीजेपी जॉइन कर ली और फिर उसने बीजेपी सरकार में ही हिडन नदी के डूब क्षेत्र में अपना फार्म हाउस खड़ा कर लाखों की कमाई शुरू कर दी। बिना नक्शा पास कराए इस फार्म हाउस को जीडीए ने बनने दिया। लेकिन हाल ही में लोगों की शिजायत के बाद उसे ध्वस्त कर दिया गया।
लेकिन हिम्मत तो देखिये इस शख्स की, फार्म हाउस तोड़ने के बाद भी उसे ना ही पुलिस का डर हैं और ना ही जीडीए का। इसलिए मौके पर खड़े होकर उन्होंने फिर से निर्माण कार्य शुरू करा दिया हैं, और जीडीए के अफसर हैं कि अपनी सरपरस्ती में इस निर्माण कार्य को रोक भी नही पा रहे हैं। आखिर सत्ता का दामन थाम कर अवैध निर्माण को वैध कराने की ये इसकी कोशिश हैं।
ये बीजेपी का नेता सरकारी महकमें पर भारी है। हिंडन के डूब क्षेत्र में अवैध फार्म हाउस का निर्माण चल रहा है। ये फार्म हॉउस बीजेपी के दबंग नेता प्रवीन नागर का है। जीडीए के अफसर भी इस बीजेपी नेता के सामबे नतमस्तक हैं। फार्म हाउस को ध्वस्त करने के बाद भी निर्माण कार्य लगातार जारी है। जीडीए वीसी रितु माहेश्वरी भी अवैध निर्माण पर खामोश हैं। प्रवीन नागर कनावनी गांव का रहने वाला है। हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में इसका फार्म हाउस हैं जो कि अवैध तरीके से बनाकर लाखों की कमाई करने के लिए बनाया गया है।
इस फार्म हाउस को जीडीए ने अवैध निर्माण करार देकर ध्वस्त किया गया था। या फिर यूं कहें ध्वतिकरण का ढोंग किया गया था। कार्यवाई के कुछ दिन बाद ही प्रवीन नागर ने फार्म हाउस का निर्माण कार्य शुरू करा दिया, जो जीडीए शहर को अवैध निर्माण से विहीन कराना चाहते हैं। ये तस्वीरे उसके लिए चौकाने वाली हैं, जो दीवार तोड़ी गयी वहां फिर दीवार बना दी गयी हैं। फार्म हाउस में लगातार मजदूर काम कर रहे हैं।
ये वो तस्वीरे हैं साथ ही पूरे फार्म हाउस के बाहर टिन शेड से कवर किया गया है। ताकि भीतर चलते निर्माण कार्य को कोई देख ना सके। दरअसल ऐसा नही हैं कि इस निर्माण की जीडीए को जानकारी नहीं है। लेकिन कार्यवाई क्यों नहीं हो रही ये सोचनीय हैं। फार्म हाउस के बाहर दो गाड़ियां भी खड़ी रहती हैं जो प्रवीन नागर की हैं। बीजेपी के नेता प्रवीण का भाई और खुद प्रवीन कार में बैठ कर निर्माण कार्य को सम्पन्न कराता है।
जब इस अवैध निर्माण के सिलसिले में जीडीए की वीसी रितु माहेश्वरी से बात की गई तो उन्होंने इस पर बोलने से इनकार कर दिया। अब सवाल ये हैं कि जीडीए की अवैध निर्माण करने वालों पर जो कार्रवाई की जा रही है वह महज दिखावा तो नहीं? क्योंकि जिन फार्म हाउस को तोड़ा गया है अगर उसमें फिर से निर्माण कार्य हो रहा है तो यह जीडीए के अफसरों के लिए एक बड़ी चुनौती है। अगर निर्माण कार्य रोका नहीं जाता तो फिर यह साफ है कि इस अवैध निर्माण पर जेडीए की भी सहमति है और उन्हीं के अफसरों की सरपरस्ती में यह निर्माण कार्य चल रहे हैं।