प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में संसदीय जनसंपर्क कार्यालय पर विधान परिषद् के सदस्य लक्ष्मण आचार्य ने राष्ट्रध्वज का अपमान किया।
पूरे राष्ट्रगान के दौरान हाथ बांधे खड़े रहे लक्ष्मण:
- भाजपा नेता द्वारा राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान यह नयी बात नहीं हैं।
- ताजा मामला देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस का है, जहाँ पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में विधान परिषद् के सदस्य लक्ष्मण आचार्य ने ध्वजारोहण किया।
- ध्वजारोहण के बाद भाजपा नेता लक्ष्मण राष्ट्रगान के समय सावधान की मुद्रा के बजाय हाथ बांधे खड़े नजर आये।
- 52 सेकंड में पूरा होने वाले राष्ट्रगान में भी उन्होंने अपने खड़े रहने की मुद्रा को सही करना जरुरी नहीं समझा।
- इसके अलावा जब अन्य लोगों द्वारा हाथ उठाकर भारत माता की जय बोला जा रहा था, तब भी लक्षमण आचार्य हाथ बांधे ही खड़े रहे।
नहीं है पहली गलती:
- भाजपा नेताओं द्वारा राष्ट्रीय चिन्हों की अवहेलना का वाक्या नया नहीं है और न ही ऐसी हरकत पहली बार हुई है।
- साल 2015 में भी इसी संसदीय कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहरा दिया गया था।
- जनवरी 2016 में भाजपा नेताओं ने कार्यालय पर सीधा झंडा फहराया तो, इस बार उनके बोल उलटे हो गये।
- गौरतलब है कि, विधान परिषद् सदस्य लक्ष्मण आचार्य ने ध्वजारोहण के बाद गणतंत्र दिवस का नारा लगाया, लेकिन वहां मौजूद सभी लोगों ने गणतंत्र दिवस अमर रहे कहा था।
- वहीँ शर्मनाक बात यह है कि, भाजपा नेता को अपनी गलती का एहसास भी नहीं है और उन्होंने अपने गलती को सिरे से नकार दिया।
- बगैर किसी अफ़सोस या अपनी गलती मानने के उन्होंने कहा कि, वो सही मुद्रा में खड़े थे।