उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के पहले दिन से ही पूर्व समाजवादी सरकार के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से कई समाजवादी योजनाओं को बंद या उनके स्वरुप को बदल चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी सरकार की यश भारती सम्मान योजना की समीक्षा के आदेश दिए थे जिसके बाद चर्चाएँ थी कि अब योगी सरकार इस योजना को बंद कर सकती है मगर उत्तर प्रदेश में भाजपा के एक बड़े नेता ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस योजना को न बंद किये जाने की सिफारिश की है।
यश भारती की समीक्षा के थे आदेश :
समाजवादी पार्टी सरकार की सबसे विवादित योजना ‘यश भारती’ पुरस्कार की सत्ता में आते ही योगी सरकार ने समीक्षा के आदेश दिए थे। अखिलेश सरकार की हर योजना पर सवालिया निशान उठाने वाली योगी सरकार ने यश भारती के लिए नरम रुख अपनाया है। पिछले एक साल तक पुरस्कार और पेंशन रोकने के बाद सीएम योगी ने इसे नयी शुरुआत दी है। बीते दिन योगी सरकार ने सदन में पेश किये अपने बजट में यश भारती की पेंशन के लिए रु. 5 करोड़ का बजट दिया है। इसके पहले सत्ता में आने के बाद खुद सीएम योगी ने यशभारती बांटे जाने पर सवालिया निशान उठाते हुए उनकी पेंशन रोक दी थी।
इस नेता ने की सिफारिश :
समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार की सबसे विवादित योजना ‘यश भारती’ पुरस्कार पर योगी सरकार ने नरम रुख अपनाया है। अब उन्होंने इसमें दी जाने वाली पेंशन बहाली का आदेश दे दिया है। इसके पहले भाजपा प्रवक्ता ने सीएम योगी को पत्र लिख कर उनसे इस पेंशन को न बंद किये जाने की सिफारिश की थी। पत्र में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेन्द्र सिंह राणा ने कहा था कि मुझे भी अंतर्राष्ट्रीय पॉवरलिफ्टिंग कोच होने के कारण मुझे भी ये सम्मान मिला हुआ है। ऐसे में आपसे प्रार्थना है कि इससे पेंशन से कई लोगों का गुजारा चलता है ऐसे में इस योजना को न बंद किया जाये।