जहाँ एक और यूपीकोका जैसी कानून व्यवस्था ला कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भू-माफियाओं और संगठित अपराध पर रोकने की कोशिश में लगे है, वहीं दूसरी ओर भाजपा के ही नेता ऐसे आपराधिक मामलों में लिप्त पाए जाते हैं.

सपा से भाजपा में शामिल हुई सरोजनी अग्रवाल:

पिछली समाजवादी सरकार में प्रदेश में समाजवादी आवासीय योजना लागू की गयी थी. इस योजना के तहत सस्ते दामों में लोगों को फ्लैट दिलवाना था. इसी कड़ी में मेरठ में समाजवादी आवासीय योजना के अंतर्गत दो साल पहले आवेदन मांगे गये थे. लोगों ने मकान के लिए आवेदन के साथ 25000 रूपए तक जमा करवा दिए थे.

 

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आवेदक 2 साल तक अपने आसियाने को पाने की लालसा में इंतज़ार करते रहे. जब उन्होंने अपने फ्लैट को लेने की बात की तब पता चला कि ना तो उनके घर का कोई अता-पता है और ना ही फ्लैट्स का निर्माण करने वाली कंपनी का.

मकान की एवज में लिए थे भाजपा नेता ने पैसे:

मामला संज्ञान में आने के बाद लोगों ने आरोपी भूमाफियाओ के खिलाफ कमिश्नर कार्यालय के आगे प्रदर्शन कर उनके पैसे या घर दिलाने की मांग की. पीड़ितों ने आरोप लगाया कि सपा की एमएलसी सरोजनी अग्रवाल ने उनसे फ्लैट की एवज में पैसे लिए थे. पर अब सपा से भाजपा में शामिल हुई सरोजनी अग्रवाल हुए ना तो मकान मुहैया करवा रही है और ना ही पीड़ितों के पैसे लौटा रही है.

आवास देने का दावा करने वाली कंपनी अर्बंस कलर सिटी इन्फ्रा कंपनी भी अब गायब हो चुकी है. बीजेपी नेता सरोजनी अग्रवाल भी इस कंपनी में शामिल थी. जब इस बारे में अधिकारियों से पूछा गया तो कोई भी इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नही है.

पीड़ित मामले की शिकायत के लिए कमिश्नर कार्यालय पहुंचे, जहाँ बीजेपी नेता सरोजनी अग्रवाल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कार्यवाई की मांग की.

 

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