बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष की सहमति से सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे रहें हैं।
- मौर्या ने बातया कि कल भी विधानसभा अध्यक्ष से मिलने के लिए पहुंचे थें, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी।
- विधानसभा अध्यक्ष ने मौर्या को 28 अगस्त के बाद मिलने का समय दिया था।
- मौर्या ने बातया कि 28 अगस्त से वे एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बाहर जा रहें हैं।
- इसलिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए।
- जिसके बाद अध्यक्ष की सहमति मिलने पर वह सार्वजनिक रूप से पद से इस्तीफा दे रहें हैं।
- मौर्य ने कहा कि 8 अगस्त को भाजपा में शामिल होने के तत्काल बाद वह इस्तीफा देना चाहते थे।
- लेकिन इस बीच वह ज्यादातर लखनऊ से बाहर रहे जिस कारण विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा नहीं सौंप सके।
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स्वच्छ राजनीति के लिए इस्तीफाः
- भाजपा नेता ने कहा कि विधायक क्षेत्र की जनता चुनती है।
- विधायक पर पार्टी के चुनाव निशान से ज्यादा क्षेत्र की जनता का हक होता है।
- लेकिन स्वच्छ राजनीति बनाए रखने और विधानसभा नियमावली का पालन करने के लिए वह यह कदम उठा रहे हैं।
- यह पूछने पर कि क्या उन्होंने दलबदल कानून की संभावित कार्यवाही के मद्देनजर यह कदम उठाया है।
- मौर्य ने कहा कि ऐसा होता तो दूसरे दलों में जाने वाले अन्य विधायक भी इस्ताफा दे चुके होतें।
- बता दें कि बसपा ने मौर्य के खिलाफ दलबदल कानून के तहत की थी।
- जिस पर 31 अगस्त को फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही थी।
- लेकिन मौर्य ने इससे पहले ही विधायकी से इस्तीफा दे दिया।