2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इन दिनों सियासी गलियारों में आजमगढ़ में बीजेपी के बाहुबली नेता रमाकांत यादव के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने की खबरें आ रही हैं। हालाँकि इस बात का अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन इस खबर के सामने आने के बाद से भाजपा नेताओं की नींद उड़ी हुई है। सपा के गढ़ आजमगढ़ में रमाकांत यादव के अलावा भाजपा के पास और कोई बड़ा नेता नहीं है। ऐसे में भाजपा ने भी रमाकांत यादव के सपा में जाने पर उनके विकल्प की तलाश शुरू कर दी है।
सपा में हो सकते हैं शामिल :
आजमगढ़ के बाहुबली नेता रमाकांत यादव 4 बार विधानसभा और 4 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इनके बारे में सियासत में मशहूर है कि रमाकांत कुर्सी नहीं छोड़ सकते बल्कि कुर्सी के लिए किसी को भी छोड़ सकते हैं। सपा से भाजपा में आने के बाद उन्होंने कहा था कि वो क्या उनकी लाश भी सपा में नहीं जायेगी मगर बीते दिनों आजमगढ़ में उन्होंने सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी बचाई थी। इसके अलावा मुलायम के मैनपुरी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर देने के बाद सपा के पास आजमगढ़ में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ऐसे में यदि रमाकांत यादव सपाई बने तो उनका सपा के टिकट पर आजमगढ़ से लड़ना लगभग तय है। हालाँकि इस मामले में रमाकांत यादव की तरफ से कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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बेटे को बना सकती है प्रत्याशी :
आजमगढ़ की फूलपुर सीट से रमाकांत यादव का बेटा अरुण यादव बीजेपी के विधायक हैं। हालाँकि दोनों के बीच कुछ भी ठीक न होने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में यदि रमाकांत यादव ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की तो भाजपा से उनकी काट निकालने के लिए उनके विधायक बेटे अरुण यादव को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। आजमगढ़ में सबसे ज्यादा संख्या यादव और मुस्लिम समुदाय की है। ऐसे में वोटों का बंटवारा होना तय माना जा रहा है। रमाकांत यादव के सपा में जाने की खबरें आने के बाद से अरुण यादव जिले की राजनीती में काफी सक्रीय हो गए हैं। वे लगातार भाजपा नेताओं के साथ मंच साझा कर उनकी नीतियों की तारीफ कर रहे हैं।