बीजेपी सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को सावर्जनिक मंच से पत्रकारों को ब्लैकमेकर कहने वाले परिवाद में राहत मिली है़।

 

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को सावर्जनिक मंच से पत्रकारों को ब्लैकमेकर कहने वाले परिवाद में राहत मिली है़। स्पेशल जज एमपी-एमएलए की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में गुरुवार को दाखिल परिवाद को खारिज कर दिया है़।

बता दें कि जिले के पत्रकार एवं मामले के परिवादी राजेश मिश्रा ने गत 28 अगस्त को स्पेशल जज एमपी-एमएलए की कोर्ट में परिवाद दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 10 अगस्त को जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की मीटिंग में डीएम-एसपी की मौजूदगी में सांसद मेनका गांधी ने मास्क को लेकर पुलिस उत्पीड़न को लेकर विवादित बयान दिया था। साथ ही उन्होंने पत्रकारों को बिना ठोस बयान के ब्लैकमेलर कहा था। परिवादी राजेश ने सांसद को तलब कर दंडित करने की मांग किया था।

उधर सांसद ने अपनी ओर से संतोष कुमार पाण्डेय को अधिवक्ता नामित किया। अधिवक्ता संतोष ने कोर्ट से कहा कि सांसद के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने ये भी कहा कि परिवादी राजेश की पत्रकार मान्यता ही नहीं है़, और वो कई पेशी पर गैर हाजिर रहे, और अन्य कई साक्ष्य भी कोर्ट में पेश नही किया। इस क्रम में आज स्पेशल जज पीके जयंत ने साक्ष्य को केस चलाने के काबिल नहीं मानते हुए और महामारी अधिनियम के संबंध में किसी लोकसेवक के जरिए ही परिवाद करने की बात कहते हुए केस को खारिज कर दिया।

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