उत्तर प्रदेश में आगामी 22 नवंबर से तीन चरण में होने वाले नगर निकाय चुनावों से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर), यूपी इलेक्शन वॉच के मुख्य समन्वयक संजय सिंह ने मंगलवार को यूपी प्रेस क्लब में चौंकाने वाले आंकड़े जारी किये हैं। एडीआर, यूपी इलेक्शन वाच द्वारा जारी आंकड़ों में यूपी में कुल मेयर प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा भाजपा के अपराधी और करोड़पति उम्मीदवार हैं।
195 में 20 पर आपराधिक मुकदमें दर्ज़
- एडीआर और यूपी इलेक्शन वाच की ओर से आज लखनऊ के प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता की गयी।
- इस प्रेस वार्ता के माध्यम से एडीआर यूपी के मुख्य समन्वक संजय सिंह ने बताया कि स्थानीय नगर निकाय चुनाव के सभी सभी चरणों की रिपोर्ट जारी कर रहे हैं। इसमें सभी राजनितिक दलों ने अपने आपराधिक मामले में लिप्त और करोड़पति प्रत्याशियों को उतारा है।
- 16 नगर निगम में से 15 में चुनाव लड़ रहे 195 मेयर पद के प्रत्याशियों में 20 पर आपराधिक मुकदमें दर्ज़ हैं।
- जिसमे सबसे ज्यादा बीजेपी के मेयर प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले हैं।
- अलीगढ़ के मेयर प्रत्याशियों का ब्यौरा उपलब्ध ना होने के कारण उन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है।
करोड़ पतियों को टिकट देने में भाजपा सबसे आगे
- समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के 13 प्रतिशत, बसपा के 21 और ‘आप’ के 8 प्रतिशत प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
- सबसे ज्यादा 29 फ़ीसदी भाजपा के मेयर प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
- एडीआर यूपी के मुख्य समन्वयक संजय सिंह ने बताया कि करोड़पतियों को टिकट देने के मामले में भी भाजपा सबसे आगे है।
- उत्तर प्रदेश में मेयर का चुनाव लड़ रहे 38 फ़ीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं।
- भाजपा और बसपा के क्रमशः 79 फ़ीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं।
- जबकि सपा और कांग्रेस के क्रम 73 फ़ीसदी मेयर पद के उम्मीदवार करोड़पति हैं।
नंबर एक पर आगरा के नवीन कुमार जैन
- आगरा से भाजपा प्रत्याशी नवीन कुमार जैन 400 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर हैं।
- जबकि इसी पार्टी की इलाहाबाद से मेयर प्रत्याशी अभिलाषा 58 करोड़ रुपए के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
- झांसी से बसपा के मेयर उम्मीदवार ब्रजेंद्र व्यास डमडम महाराज की कुल संपत्ति 37 करोड़ रुपए है।
- देनदारी के मामले में 17 करोड़ रुपए के साथ अभिलाषा पहले स्थान पर हैं।
- 25 करोड़ की देनदारी के साथ डम डम महाराज दूसरे स्थान पर हैं।
- आपराधिक मुकदमें के हिसाब से आगरा का निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी बशीर छह मामलों के साथ सबसे ऊपर है।
- इस बार मेयर पद के लिए मैदान में उतरे 46 फ़ीसदी उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता स्नातक या उससे ज्यादा है।
- यूपी एडीआर के समन्वयक अनिल शर्मा ने बताया कि कई जगहों पर कई प्रत्याशी ज़ीतने के लिए जनता को उपहार स्वरुप लालच देकर वोटरों को लुभाने का प्रयाश कर रहे हैं जो आचार संहिता का उल्लंघन है।