भाजपा के खेमें में लगातार बढ़ती दलबदुलों की संख्या ने कई पार्टी नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है। अब लगातार बढ़ रही दलबदलुओं की संख्या से पार्टी के अंदरखाने बेचैनी शुरू हो गई है। किसी को अपनी पसंद की सीट हाथ से जाने का डर सता रहा है तो, कोई अपने इलाके में दूसरे के दखल से परेशान है। इसके साथ ही पार्टी के अंदर दलबदलू नेताओं की उपेक्षा भी शुरू हो गई है।
- फिलहाल तो पार्टी का कोई भी नेता इस बारे में खुलकर बात नहीं करना चाहता है।
- लेकिन अब बसपा नेता बृजेश पाठक के बीजेपी मेें शामिल होने पर साक्षी महाराज ने आवाज उठा दी है।
- हालांकि पार्टी के कई नेता ऐसे हैं जो आलाकमान के इस फैसले स्वागत कर रहें हैं।
- अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम का कहना है कि अगर पार्टी का कुनबा बड़ा हो रहा है तो इससे पार्टी को ही फायदा होगा।
- उन्होने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता नेतृत्व के फैसले से खुश है।
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पार्टी में उठें विरोध के सुरः
- भाजपा सांसद साक्षी महराज ने कहा कि जिस नेता को हमने 2014 लोकसभा चुनाव में हराया था।
- उसे पार्टी में शामिल करने से पहले मुझसे कोई राय नहीं ली गई।
- यदि आलाकमान मुझसे पूछता तो मैं बृजेश की जमीनी हकीकत से नेतृत्व को रूबरू कराता।
- साक्षी महाराज ने कहा कि वह इस मामले को पार्टी फोरम में भी उठाएंगे।
- उन्होंने कहा कि जब पार्टी में कलराज मिश्र, लक्ष्मीकांत बाजपेयी जैसे कई ब्राह्मण चेहरे पहले से ही मौजूद हैं।
- ऐसे में किसी और को शामिल करने से पार्टी का कम और व्यक्ति का ज्यादा फायदा होगा।
दलबदलू नेताओं की हो रही उपेक्षाः
- पुराने दलों को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे नेताओं के प्रति उपेक्षा का भाव साफ दिखाई दे रहा है।
- बसपा महासचिव रहें स्वामी प्रसाद मौर्या और बृजेश पाठक समेत दर्जनों नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
- मंगलवार को ही मेरठ में स्वामी प्रसाद मौर्या का एक कार्यक्रम था।
- लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने उनसे दूरी ही बनाए रखी।
- हालांकि बीजेपी ने अपनी सफाई में कहा है कि तिरंगा यात्रा में व्यस्त रहने के कारण कार्यकर्ता मौर्य के कार्यक्रम में नहीं जा सकें।