बीते दिन जम्मू कश्मीर सरकार से भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद से ही पक्ष- विपक्ष की प्रतिक्रियाओं का दौर चालू हो गया है और इसी क्रम में यूपी के कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।
कांग्रेस पर सांसद बृज भूषण का पलटवार:
गोंडा जिले के केशरगंज से भाजपा सांसद बृज भूषण ने कश्मीर के मौजूदा हालात का ठीकरा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर फोड़ते हुए कहा कि कॉंग्रेस को बोलना नहीं चाहिए और अगर बोलना है यो इतिहास पढ़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कश्मीर को बर्बाद करने वाले का नाम है पंडित जवाहर लाल नेहरू. उन्होंने कश्मीर को बर्बाद किया है.
वहीं पीडीपी और अपनी सरकार की पैरवी करते हुए कहा कि “पीडीपी और बीजेपी ने बर्बाद नही किया संभालने की कोशिश किया.”
भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि कश्मीर को आज इस मुकाम पर किसी ने पंहुचाया है तो कॉंग्रेस और नेहरू जी ने पंहुचाया ही.
बता दें कि कांग्रेस के पीडीपी और बीजेपी पर कश्मीर को बर्बाद करने के आरोप का जवाब देते हुए सांसद बृज भूषण ने पलटवार करते हुए यह आरोप लगाया।
खुद की पार्टी के नेता शत्रुघ्न सिन्हा पर भी हमला:
बीजेपी के कद्दावर नेता शत्रुघ्न सिन्हा द्वारा महबूबा मुफ्ती की तारीफ व कश्मीर मुद्दे पर अपनी पार्टी की खिलाफत वाले बयान पर बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण ने शत्रुधन सिन्हा पर कटाक्ष करते हुए कहा सिन्हा भटकी हुई आत्मा हैं.
सांसद ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा अटल जी की सरकार में मंत्री बने. इस सरकार में वो मंत्री नही बने और तब से उनके ऐसे बयान आते रहते हैं.
एक तरीके से अक्सर पार्टी के विरोध में ही उनके बयान आते रहते है.
उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी विरोधी बताते हुए कहा कि कभी वो लालू के यंहा के चले जाते हैं, तो कभी वो पीडीपी के यहाँ चले जाते है तो एक तरीके से हम कह सकते है कि वो भटकी हुई आत्मा हैं और भटक रहे हैं।
अनुचित दबाब के कारण समर्थन वापस लिया:
जम्मू – कश्मीर के ही मुद्दे पर भाजपा सांसद ने कहा कि अनुचित दबाब के कारण समर्थन वापस लिया गया, पत्थरबाजों को दबाब बनाकर छोड़ा गया.
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन को इस तरह रोका जाना, ये अनुचित दबाब था जिससे सेना का मनोबल गिर रहा था.
पार्टी के पक्ष में बात करते हुए कहा कि अंतिम सीमा तक भाजपा ने धैर्य बनाये रखा और जो फैसला लिया गया है बहुत ही उचित है. हम इसका समर्थन करते है।
इसके अलावा बीजेपी सांसद ने कहा कि अभी वहां के हालात चुनाव लायक नहीं, खुलेआम पत्थर फेंके जाते है, खुलेआम सैनिकों को मारा जाता है. ऐसे हालात में चुनाव उचित नहीं. लेकिन हमें लगता है कि चुनाव होंगे और चुनाव ही एक अंतिम विकल्प है।