• संतकबीर नगर: धरातल पर कोई काम हो चाहे न हो लेकिन कागज में करोड़ों रुपये अवश्य खर्च हो जाते हैं।
  • सांसद पीएल पुनिया ने राज्यसभा में तीन ¨बदुओं पर जवाब मांगा कि खलबली मच गई।
  • इन तीन ¨बदुओं पर सांसद ने जवाब मांगा है
  • जैसे आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों द्वारा अब तक कितने गांव गोद लिए गए,
  • इन गांवों में मदवार कितने रुपये विकास पर खर्च किए गए और यहां कराए गए कार्यों के संबंध में गुणवत्ता को लेकर कितनी शिकायतें आई।
  • शासन से इस आशय का पत्र भी आ गया और जिले के अधिकारियों ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली।
  • इस रिपोर्ट के मुताबिक सांसद के गोद लिए गए मेहदावल ब्लाक के सांड़ेखुर्द गांव में अलग-अलग विभागों द्वारा दो करोड़ चार लाख 38 हजार रुपये खर्च किए जाने की बात कही गई है।
कागज में दिखाये गए विकास पर इतने खर्च
  • सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत 54.04 लाख, मनरेगा से 08.52 लाख
  • तथा अन्य योजना में 141.818 लाख यानी इस तरह कुल दो करोड़ चार लाख 38 हजार रुपये खर्च किए गए हैं।
  • इसमें भूमि संरक्षण (¨सचाई एवं जल संसाधन) देवी माता के स्थान पर चबूतरा पर 11 हजार रुपये,
  • शिव मंदिर पर चबूतरा एवं हैंडपाईप की मरम्मत पर 26 हजार रुपये, पल्टन,
  • आद्या प्रसाद द्विवेदी व सतीश चंद्र त्रिपाठी के के दरवाजे के पास स्थित कुआं, चबूतरा व हैंडपंप के मरम्मत पर 27 हजार रुपये
  • इसके अलावा राजेंद्र ¨सह, दीनबंधू, देवेंद्र शुक्ल, गौरी शंकर गुप्त
  • व किशोरी के दरवाजे के पास सोपिट पर पांच हजार रुपये खर्च किया गया है।
  • इसके अलावा ट्यूबवेल पंप हाउस, पाइप लाइन पेयजल आपूर्ति व
  • जलाशय पर 32.73 लाख रुपये, जननी सुरक्षा योजना के तहत 98 हजार रुपये खर्च किए गए हैं।
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10.80 हजार रुपये, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 1.40 लाख, सब्जी उत्पादन पर 2.08 लाख, एकीकृत बागवानी विकास मिशन जैसे आइपीएम 1.87 लाख रुपये सहित अन्य विकास कार्यों पर खर्च दर्शाए गए है
बिजली सहित कार्यों के लिए नहीं मिला बजट
  • संतकबीरनगर संसदीय क्षेत्र के सांसद शरद त्रिपाठी लोकसभा चुनाव-2014 के बाद
  • शुरु की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मेहदावल ब्लाक के सांड़ेखुर्द गांव को गोद लिया था।
  • इस योजना के तहत प्रत्येक वित्तीय सत्र में सांसद को एक गांव गोद लेकर
  • वहां पर सभी तरह के विकास कार्यों से गांववासियों को लाभान्वित किया जाना था
  • लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सिर्फ एक बार ही गांव को गोद लिया जा सका
  • वह भी बजट के अभाव में विद्युतीकरण नहीं हुआ और नेडा से गांव में सोलर लाइट नहीं लगा।
किसी को मछली पालन योजना का लाभ दिलाया नहीं जा सका
  • कृषि से संबंधित विभिन्न विकास योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल सका।
  • इसी तरह डाकघर, खेल मैदान सहित कई और विकास कार्य संचालित नहीं किए जा सके।
  • सांसद के गोद लिए गांव में सीसी रोड, जल निकासी के लिए लंबी नाली सहित अन्य कार्य धरातल पर नहीं हो पाए।
  • इसके कारण गांववासियों की उम्मीदें पूरी न हो सकी।

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